मेरा भोला है भंडारी पर मदमस्त हुए दर्शक

मेरा भोला है भंडारी पर मदमस्त हुए दर्शक

Audience compelled to dance on Raghuvanshi's Mera Bhola hai Bhandari in Shoolini fair's first cultural night
सोलन। शूलिनी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या में स्टार गायक हंसराज रघुवंशी खूब धमाल मचाया। पहाड़ी गायक दलीप सिरमौरी और इंडियन आइडल फेम अंकुश भारद्वाज ने भी अपने गानों से लोगों को नाचने पर मजबूर कर दिया।
पहली सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम शाम 5:00 बजे से शुरू हुए। सबसे पहले स्कूली बच्चों ने धमाल मचाया। इसके बाद 8:00 बजे से स्टार कलाकारों ने मंच संभाला और 10:00 बजे तक एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान सांसद सुरेश कश्यप ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. डेजी ठाकुर और लोक सेवा आयोग की सदस्य डॉ. रचना गुप्ता भी मौजूद रहीं।
सांस्कृतिक संध्या में हंसराज रघुवंशी ने मैं शिव का शिव मेरे हैं.. भजन से शुरुआत की। इसके बाद जय शिव शंकर हरी ओम, शिव समा रहे मुझमें मैं शून्य हो रहा हूं, लागी मेरी प्रीत मेरे शंकरा, मेरा भोला है भंडारी, कहके साधू कहके कबीरा, भोले नाथ की शादी भजन गाए।
जैसे ही उन्होंने मेरा भोला है भंडारी भजन शुरू किया तो दर्शक मदमस्त हो गए और पूरा पंडाल झूम उठा। इससे पहले दलीप सिरमौरी ने किनी को रो सुहेया पानी.. से अपनी प्रस्तुति शुरू की। इसके बाद बंदे पहाड़ी, वर्शो कांडे दे मोर गाने गए। इसी दौरान इंडियन आइडल फेम अंकुश ने बॉलीवुड नंबर ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा, बदन पर सितारे लपेटे हुए और अंत में संदेसे आते हैं गाया।
आज ये मचाएंगे धमाल
25 जून को दोपहर में पारंपरिक ठोडा नृत्य और कुश्ती का आयोजन होगा। सांस्कृतिक संध्या में कुमार साहिल, हेमंत शर्मा और पुलिस बैंड- हार्मनी ऑफ पाइंस प्रस्तुति देंगे। इस दौरान शहरी विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर मुख्यातिथि होंगे जबकि दून विधायक परमजीत सिंह पम्मी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।

सांस्कृतिक संध्या के बाद लोगों को नहीं मिली परिवहन सुविधा
पहली सांस्कृतिक संध्या खत्म होने के बाद लोगों को घरों को लौटने के लिए परिवहन सुविधा नहीं मिली। लोग सांस्कृतिक संध्या के बाद बसों के लिए बाईपास और बस स्टैंड पर ही खड़े रहे।
50-50 हजार रुपये के पड़े अंकुश और दलीप सिरमौरी का एक गाना
पहली सांस्कृतिक संध्या में लाखों रुपये देकर बुलाकर स्टार कलाकारों को पूरा समूल्य नहीं मिला। करीब तीन-चार गानों की प्रस्तुति देने का ही मौका मिला। जब इन कलाकारों ने रंग जमाना शुरू किया तो समय की कमी बताकर उन्हें मंच छोडने के लिए विवश कर दिया। जिला प्रशासन ने इन कलाकारों को एक से दो लाख रुपए का भुगतान किया है। वहीं राज्य स्तरीय शूलिनी मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या में साउंड भी क्लियर नहीं था। इसके कारण दर्शकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।