आज सोलन में जिला परिषद वार्ड नंबर 3 से विजयी हुई आज़ाद उम्मीदवार आशा परिहार ने भाजपा की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए | उन्होंने कहा कि करीबन तीस वर्षों से वह भाजपा के साथ जुडी है और भाजपा को अपने क्षेत्र में स्थापित करने के लिए तन मन धन लगा कर काम किया | क्षेत्रवासियों की आवाज़ को बुलंद किया , विकास के नए आयाम स्थापित करने के लिए जी तोड़ मेहनत की लेकिन पार्टी के नेताओं ने टिकट आबंटन के समय हमेशा उन्हें दरकिनार किया | यही वजह रही कि क्षेत्र वासियों की मांग पर वह आज़ाद उम्मीदवार के रूप में न केवल खड़ी हुई बल्कि जीत भी हासिल की | उन्होंने भाजपा नेताओं को चेताया कि विधान सभा चुनावों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को नज़र अंदाज़ कर जीत हासिल नहीं की जा सकती है |
आशा परिहार से जब भाजपा छोड़ आज़ाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के बारे में पुछा गया तो उनके दिल में छुपा दर्द एक दम बाहर आ गया | उन्होंने कहा कि राजनीति में उनके बढ़ते कद से अर्की के भाजपा नेता परेशान है और वह मुझे अब अपने रास्ते का रोड़ा समझ रहे है | यही वजह है कि चुनावों के समय उन्हें हमेशा नज़र अंदाज़ कर किसी दुसरे को टिकट दे दी जाती है | लेकिन वह पहले भी आज़ाद उम्मीदवार बन कर चुनावी क्षेत्र में उतरी और 2010 में जिला परिषद का चुनाव भी जीती इस बार भी उन्हें पार्टी का प्रत्याशी नहीं बनाया गया लेकिन गाँव वासियों के अनुरोध पर वह फिर से चुनाव लड़ी और जीत हासिल कर भाजपा के नेताओं को गलत साबित किया | उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को आने वाले चुनावों में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा | बाइट
जिला परिषद सोलन में भाजपा पूर्ण बहुमत नहीं ले सकी | अगर भाजपा ने जिला परिषद चेयरमैन अपना बनाना है तो उन्हें उन आज़ाद उम्मीदवारों का साथ लेना होगा जिन्हें चुनावों के समय में नज़र अंदाज़ किया गया था | लेकन जीतने के बाद भाजपा से छिटक कर आज़ाद उम्मीदवार जो जीत हासिल कर चुके है उनकी इरादों से नहीं लगता है कि भाजपा की दाल यहाँ गलने वाली है | फिलहाल एक फरवरी का दिन जिला प्रशासन ने चुना है जिसमे जीते हुए सदस्यों को बहुमत साबित करना है |