म्यांमार: चुनावी धोखाधड़ी के मामले में सू ची को 3 साल की कैद, पहले ही मिल चुकी है 17 साल की सजा

नई दिल्ली. म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू ची को शुक्रवार को चुनावी धोखाधड़ी का दोषी ठहराया गया और एक न्यायाधीश ने उनको कड़ी मेहनत के साथ तीन साल जेल की सजा सुनाई है. मुकदमे की कार्यवाही से परिचित एक सूत्र ने ये जानकारी दी है. नोबेल पुरस्कार विजेता और म्यांमार के दशकों के सैन्य शासन के विरोध की प्रमुख नेता आंग सान सू ची को पिछले साल की शुरुआत में तख्तापलट के बाद से हिरासत में लिया गया है. उनको पहले ही 17 साल से अधिक जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. जबकि वह अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करती हैं.

इससे सू ची की ‘नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी’ का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है. सेना ने देश में 2023 में नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की है. गौरतलब है कि एक फरवरी 2021 को म्यांमार की सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ले ली थी और सू ची तथा म्यांमार के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया था. सू ची की पार्टी ने पिछले आम चुनाव में भारी जीत हासिल की थी, लेकिन सेना का कहना है कि चुनाव में व्यापक पैमाने पर धांधली हुई. स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षकों को कोई बड़ी अनियमितता नहीं मिली थी

गौरतलब है कि नवंबर 2020 के आम चुनाव में सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने ताकतवर सेना द्वारा बनाई गई पार्टी को पछाड़ते हुए भारी बहुमत के साथ जीत हासिल की थी. कहा जा रहा है कि अपदस्थ राष्ट्रपति और सह-प्रतिवादी विन मिंट को भी यही सजा दी गई है. सत्तारूढ़ सैन्य परिषद के एक प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. जुंता ने कहा है कि सू ची को उचित प्रक्रिया से सजा दी गई है. चुनाव के बाद सू ची की एनएलडी को नई सरकार बनाने से रोकने के लिए सेना ने फरवरी 2021 में सत्ता पर कब्जा कर लिया था.