नाहन, 24 जुलाई: हिमाचल प्रदेश सरकार की “मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना” प्रदेश के युवाओं के उत्थान एवं स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए अहम भूमिका अदा कर रही है। योजना का लाभ उठा कर पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी अपना व्यवसाय शुरू कर अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रही हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण सिरमौर के नाहन की रहने वाली गायत्री देवी ने स्थापित किया है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना का लाभ उठाकर अपना व्यवसाय आरम्भ करने का निश्चय किया। प्रारंभिक कठिनाइयों के बावजूद वह एक सफल व्यवसायी बन कर उभरी है।
योजना की लाभार्थी डॉ गायत्री ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपनी पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से की, जिसके बाद चंडीगढ़-देहरादून मार्ग पर मारकंडा पूल के समीप रेस्टोरेंट खोलने का विचार किया। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 40 लाख रुपये का लोन लिया, जिससे उन्हें 12 लाख का अनुदान सरकार से मिला। उन्होंने बताया कि 5 लोगों को रेस्टोरेंट में रोजगार भी उपलब्ध करवाया है।
रेस्टोरेंट्स खोलने के कुछ दिनों बाद ही कोरोना महामारी के कारण उन्हें रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा, इस कारण शुरुआत में ही उन्हें बहुत नुकसान उठाना पड़ा, परंतु जैसे ही कोरोना महामारी का प्रकोप थोड़ा कम हुआ तो उनके रेस्टोरेंट का काम धीरे- धीरे गति पकड़ने लगा। इस समय रेस्टोरेंट से लगभग 30 हजार रुपए प्रति माह कमा रही हैं।
योजना में पुरूष लाभार्थियों को 25 प्रतिशत तथा महिलाओं को 30 प्रतिशत की दर से अनुदान देने का प्रावधान है जबकि विधवा महिलाओं के लिए अनुदान राशि 35 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, बैंक ऋण पर 5 प्रतिशत की दर से ब्याज पर अनुदान के साथ-साथ क्रेडिट गारंटी योजना के अन्तर्गत बैंक द्वारा लिया जाने वाले शुल्क को भी माफ किया गया है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत पहले 85 गतिविधियां उपदान के लिए पात्र थीं जबकि अब इस योजना में 18 और नई गतिविधियों को शामिल किया गया है।