सोमवार को शहर के नामी ज्वैलरी शोरूम से कारीगर 22 तोले सोने के गहने लेकर हरियाणा के अंबाला के लिए निकला था, वहां से उसे गहनों की रिपेयरिंग के बाद लौटना था। पश्चिम बंगाल के रहने वाले रंजीत ने सोमवार शाम ज्वैलरी शोरूम के मालिक को शाम 7 बजे वापस लौटने को लेकर फोन भी किया। लेकिन असल में शातिर का इरादा तकरीबन 14 लाख का सोना लेकर चंपत होने का था।
मंगलवार सुबह तक फोन बंद पाया गया तो तुरंत ही शोरूम के मालिक विशारद वर्मा ने पुलिस को सूचित किया। महिला डीएसपी मीनाक्षी ने एक पल गंवाए बगैर जाल बिछा दिया। शिद्दत से कोशिश कर रही पुलिस के हाथ आरोपी का नया मोबाइल नंबर लग गया। लाइव लोकेशन के आधार पर नाहन पुलिस मिशन पर निकल गई।
तकरीबन 750 किलोमीटर दूर रेलवे पुलिस की मदद से खाकी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर से आरोपी को दबोच लिया। बड़ी बात ये है कि 80 फीसदी रिकवरी भी हो गई है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने इस मामले में दो बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया। पहली कोशिश ये की गई कि आरोपी के नए नंबर का पता लगाया जाए। दूसरी ये कि पश्चिम बंगाल के हावड़ा की तरफ जाने वाले रूटस पर नजर रखी जाए।
दो दिन दिल्ली में बिताने के बाद रंजीत हावड़ा के लिए निकल गया था। रत्ती भर भी रंजीत को इस बात का इल्म नहीं था कि नाहन पुलिस पीछा कर रही है। मौका मिलते ही उसे दबोच लेगी। आरोपी का पीछा करने के दौरान डीएसपी मीनाक्षी पूरी तरह से सक्रिय थी। पल-पल टीम को निर्देश दिए जा रहे थे।
शुक्रवार सुबह 7 बजे के आसपास नाहन पुलिस टीम आरोपी को लेकर वापस पहुंच गई। बताया ये भी जा रहा है कि आरोपी द्वारा कुछ सोना बेच कर एक नया मोबाइल भी खरीदा गया था। कुल मिलाकर डीएसपी मीनाक्षी के नेतृत्व में नाहन पुलिस की ये एक शानदार उपलब्धि है।
ये बोली डीएसपी….
डीएसपी मीनाक्षी शाह ने कहा कि शिकायतकर्ता द्वारा आरोपी का केवल आधार कार्ड उपलब्ध करवाया गया था। इसकी तस्वीर व अन्य जानकारी के आधार पर जांच को शुरू किया गया। इसी दौरान लाइव लोकेशन मिलने पर लगातार पीछा किया जाता रहा। डीएसपी ने माना कि 36 घंटे के भीतर ही केस को क्रैक किया गया है।
डीएसपी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोपी को ज्वैलरी शोरूम में काम देने से पहले उसकी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं करवाई थी। डीएसपी ने कहा कि रिकवरी की गई है।