नाहन, 24 जनवरी : बचपन के जुनून को कैरियर में तब्दील करना आसान नहीं होता। शौक को सार्थक करने में सबसे पहले परिवार के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है, फिर दीक्षा हासिल करनी होती है। मौजूदा परिदृश्य में युवा पीढ़ी उंचे सपने तो देख लेती है, मगर धरातल की वास्तविक सच्चाई से कोसों दूर होती है।
शहर की 23 वर्षीय विदुषी पोखरियाल ने न केवल बचपन के शौक को हकीकत में बदला है, बल्कि कैरियर के रूप में भी अपना लिया है। दरअसल, 23 वर्षीय युवती ने शहर में एक म्यूजिक स्टूडियो खोलने का निर्णय लिया है। इसमें वो स्वयं ही एकल गायन की विद्या प्रदान करेगी, जबकि वाद्ययंत्रों के लिए टीचिंग में रघुवीर सहयोग करेंगे।
दिलचस्प ये है कि विदुषी ने स्टूडियो को नामकरण भी अनूठे तरीके से करने का प्रयास किया है। विदुषी के म्यूजिक स्टूडियो की पहचान ‘तथास्तु’ के रूप में होगी।
एक फरवरी से विदुषी के स्टुडियो में दाखिले शुरू हो जाएंगे। हर उम्र के लिए एकल गायन व वाद्ययंत्रों को सीखने का मंच पहली बार प्रदान किया जा रहा है। तबला, हारमोनियम, गिटार के अलावा तमाम वाद्ययंत्र उपलब्ध रहेंगे। नगर परिषद के विश्रामगृह के समीप शुरू किए जा रहे स्टूडियो को लेकर विदुषी काफी उत्साहित हैं।
गौरतलब है कि स्कूल के वक्त में भी विदुषी एकल गायन में हिस्सा लिया करती थी। परिवार ने बच्ची के शौक व प्रतिभा को दबने नहीं दिया। स्टुडियो को शुरू करने से पहले विदुषी इससे जुड़ी दीक्षा भी हासिल करना चाहती थी। इसके पूरा होने के बाद ही वो स्टुडियो खोलने जा रही है।
पंजाबी यूनिवर्सिटी के खालसा कॉलेज से म्यूजिक में मास्टर्स करने के साथ-साथ विदुषी ने म्यूजिक में प्रभाकर की शिक्षा भी हासिल की हुई है। निश्चित तौर पर ऐसे युवाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। विशेष बातचीत के दौरान विदुषी ने कहा कि परिवार का हमेशा ही सहयोग मिला है। आसपास के रेस्तरां में भी शो किए हैं।
बता दें कि विदुषी की मां को भी गायन का शौक रहा है। उन्होंने बताया कि कक्षा में भारतीय शास्त्रीय संगीत के अलावा गजल, भजन, सूफी, वेस्टर्न व बाॅलीवुड इत्यादि को सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूल की पढ़ाई के दौरान स्व. धर्मदत्त सहगल जी से भी संगीत की बारीकियां सीखी हैं।
विदुषी ने कहा कि स्टूडियो में पंजीकरण करवाने के लिए मोबाइल नंबर 98576-03309 पर भी संपर्क किया जा सकता है। साथ ही इंस्टाग्राम पर फॉलो किया जा सकता है।