नाहन, 24 सितंबर: गुर्जर समाज के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए गुर्जर समाज ने एक सुर में आवाज बुलंद की है। आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में गुर्जर समाज तमाम राजनीतिक दलों का बहिष्कार करेगा और दलों में तैनात गुर्जर पदाधिकारी इस्तीफे देंगे। यह ऐलान शुक्रवार को गुर्जर समाज कल्याण परिषद ने पत्रकार वार्ता के दौरान कियप्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हंसराज समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष हंसराज भाटिया ने कहा कि गुर्जर समाज के एसटी अधिकार बचाने के लिए प्रदेश के हरेक विधानसभा क्षेत्र में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। बावजूद इसके सरकार समाज के हितों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाती है तो आंदोलन देशव्यापी होगा और देश की राजधानी में जंतर-मंतर पर धरना देकर गुर्जरों की आवाज बुलंद की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 21 सितंबर को कालाअंब में गुर्जर महा सम्मेलन आयोजित किया गया था, जिसमें गुर्जर समाज के करीब 3 हजार लोगों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि आंदोलन की शुरुआत सिरमौर के पांचों विधानसभा क्षेत्रों से शनिवार को की जाएगी।
पांचों विधायकों को हाटियों से गुर्जरों के अधिकार बचाने के लिए ज्ञापन सौंपे जाएंगे। इसके बाद सांसदों को ज्ञापन दिया जाएगा। इसी क्रम में 26 सितंबर को सांकेतिक भूख हड़ताल सिरमौर जिला मुख्यालय में की जाएगी। हंसराज ने बताया कि 29 सितंबर को गुर्जर समाज की महिलाए प्रदर्शन करेंगी जबकि 31 सितंबर को जनजातीय मंत्री हिमाचल प्रदेश को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
प्रेसवार्ता के दौरान गुर्जर कल्याण युवा मोर्चा के अध्यक्ष नवीन चौधरी ने कहा कि उनकी सरकार से एक ही मांग है कि गुर्जरों के एसटी कोटे को सुरक्षित रखा जाए। अगर उनके अधिकारों से छेड़छाड़ की गई तो इसका खमियाजा आने वाले विस चुनाव में भुगतने को तैयार रहें। उन्होंने बताया कि शिमला चलो नारे के तहत गुर्जर समाज द्वारा एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा।