नाहन, 12 अक्तूबर : वैसे तो मंझला कारोबारी रिंकू जैन अरसे से जन्माष्टमी के मौके पर कुछ अलग करने की कोशिश करता है, लेकिन वैश्विक महामारी ने कई सबक सिखाए। इस दौरान जब सब्जी बेचने की नौबत आई तो रिंकू के जहन में एक विचार यहीं कौंधा कि क्यों न हरेक फेस्टिवल के तरीके से दुकानदारी में बदलाव लाया जाए।
हाल ही में नवरात्र के दौरान भी कारोबार को स्विच किया था। इस बार करवा चौथ पर भी कुछ हटकर करने का प्रयास किया है। इस बार रिंकू जैन द्वारा करवा चैथ के मौके पर ऐसी मिठाईयां स्थानीय कारीगरों द्वारा तैयार करवाई गई हैं, जिनका उपयोग व्रतधारी महिलाओं द्वारा किया जाता है।
इसमें आचारी मट्ठी, भुजिया, देसी घी की पिन्नी व मट्ठा इत्यादि शामिल हैं। रिंकू का ये भी दावा है कि खाने वाला दोबारा लौट कर जरूर आएगा। खास बात ये भी है कि इन मिठाईयों को स्थानीय कारीगर द्वारा ही तैयार किया गया है।
दावा ये भी है कि इन मिठाईयों में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। रिंकू का ये भी प्रयास है कि इस बार शहरवासियों को स्वीटस में कुछ हटकर उपलब्ध करवाया जाए।
बता दें कि अमूमन मिठाइयों को बनाने वाले कारीगर दूसरे राज्यों के होते हैं, लेकिन रिंकू ने स्थानीय कारीगर को ही मिठाईयां बनाने के लिए चुना। स्थानीय व्यक्ति में अपने लोगों के लिए अपनापन होता है।
खासकर करवा चौथ के दिन पति की लंबी उम्र के लिए कामना करने वाली महिलाएं पूरा दिन भूखे-प्यासे रहती हैं। ऐसे में उनके लिए बेहद ही खास बनाने का प्रयास किया गया है। रिंकू का कहना है कि प्रयास किया जा रहा है कि दीपावली पर कुछ हटकर करें। दीगर है कि बाजार में रिंकू की पहचान ‘लड्डू गोपाल वाले’ के तौर पर होती है, क्योंकि वो भगवान कृष्ण का अनन्य भक्त है।
हर बार की तरह इस बार भी रिंकू जैन ने दोहराया है कि करवाचैथ के मौके पर पेश की गई मिठाईयों से बड़ा मुनाफा कमाने की कतई भी इच्छा नहीं है। केवल इतना चाहते हैं कि घर का गुजारा चल सके।