सोलन, 20 अक्तूबर : इसमें कोई दोराय नहीं कि हिमाचल विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस व भाजपा दोनों में ही टिकट के कई तलबगार थे। हर कोई टिकट की दौड़ में शामिल था। इसी के परिणामस्वरूप टिकट तय होने के बाद जिन तलबगारों को टिकट नहीं मिले उन्होने पार्टी से बगावत शुरू कर दी। इसी कड़ी में अब नालागढ़ विधानसभा सीट से भी बगावती सुर उठने शुरू हो गए है।
भाजपा ने विधायक लखविंदर राणा को प्रत्याशी घोषित कर किया है। इसी से नाराज होकर भाजपा पूर्व विधायक केएल ठाकुर ने आजाद चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बुधवार को पूर्व विधायक के समर्थक पंजैहरा के अंदरोला निवास स्थल पर पहुंचे। यहां केएल ठाकुर ने समर्थकों की राय के बाद आजाद लड़ने का फैसला किया। ठाकुर ने समर्थकों से चुनाव लड़ने के बारे में चर्चा की और समर्थकों में आजाद चुनाव लड़ने पर सहमति जताई।
आपको बता दें कि लखविंदर राणा ने हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन की थी। ऐसा माना जा रहा था कि लखविंदर ने भाजपा की टिकट की तलब में ही पार्टी ज्वाइन की है। अब भाजपा ने केएल ठाकुर को दरकिनार कर राणा को चुनावी मैदान में उतारा है। उधर, कयास ये भी लगाए जा रहे है कि केएल ठाकुर कांग्रेस के सम्पर्क में है और कांग्रेस भी उन्हें राणा के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि कांग्रेस ने इस सीट से अभी तक उम्मीदवार का नाम घोषित नहीं किया है। हालांकि हरदीप बावा टिकट की उम्मीद लगाए बैठे हैं। देखना यह होगा कि कांग्रेस किसे राणा को हराने के लिए मैदान में उतारती है।
लखविंदर राणा और केएल ठाकुर में पिछले 2 विधानसभा चुनाव में आमने-सामने की टक्कर होती रही है। 2012 के विधानसभा चुनाव में पहली बार दोनों का मुकाबला हुआ। इस मुकाबले में केएल ठाकुर ने बाजी मारी थी। ठाकुर ने भाजपा की टिकट पर कांग्रेस के राणा को हराया था। 2017 के चुनाव में एक बार फिर दोनों चुनावी रण में कूद गए। इस बार कांग्रेस के टिकट पर राणा ने बाजी मारी। वहीं, 2022 के चुनाव से पहले राणा भाजपा में आ गए थे लिहाजा दोनों ने एक ही पार्टी के लिए काम करना था, लेकिन टिकट की तलब ने एक बार फिर दोनों को प्रतिद्वंद्वी बना दिया था। राणा ने आने से ठाकुर का टिकट कट गया है जिससे नाराज होकर उन्होंने आजाद चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।