नालागढ़ ट्रक यूनियन ने बढ़ाया मालभाड़ा, लगातार बढ़ रहे डीजल के दामों पर लिया फैसला

डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के बीच उत्तर भारत की सबसे बड़ी नालागढ़ ट्रक आपरेटर यूनियन ने भी मालभाड़े में इजाफा कर दिया है। ट्रक आपरेटर यूनियन ने मालभाड़े में एक रुपए 40 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से बढ़ोतरी की है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। घरेलू बाजार में तैयार माल की घटती मांग, कच्चे माल की कीमतों में आए बेतहाशा उछाल सहित आर्थिक मोर्चे पर दिक्कतों से जूझ रहे उद्यमियों के लिए मालभाड़े की दरों में बढ़ोतरी किसी झटके से कम नहीं है। परिवहन लागत बढऩे से उद्योगों में तैयार किए जाने वाले उत्पादों की लागत भी बढ़ जाएगी। आठ दिनों में ही डीजल के दाम में कुल 4.80 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी है। यहां उल्लेखनीय है कि डीजल के दामों में वृद्धि ने जहां वाहन चालकों व ट्रांसपोर्टर्ज को हिलाकर रख दिया है, वहीं आर्थिक मोर्चे पर दिक्कत का सामना कर रहे कारोबारियों के लिए माल भाड़े में इजाफा सितमगर साबित हो रहा है। मसलन दाल और सब्जियों की महंगाई से परेशान जनता को अब और दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि इस बढ़ोतरी का असर खाने-पीने की जरूरी चीजों पर नजर आएगा। ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि डीजल में बढ़ोतरी से उनका खर्च बढ़ रहा है, इसे पूरा करने के लिए यूनियन को नियमानुसार भाड़ा बढ़ाना पड़ा है ।

सनद रहे कि नालागढ़ ट्रक यूनियन के बेड़े में 12 हजार से ज्यादा ट्रक पंजीकृत हैं, जो कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में स्थापित करीब तीन हजार उद्योगों की माल ढुलाई का अहम जरिया हैं। वर्तमान में बीबीएन की कंपनियां देश में तैयार उत्पाद को भेज रही हैं, ट्रेन की सुविधा न होने के कारण अधिकांश उत्पाद ट्रक के माध्यम से ही भेजे जाते हैं। डीजल के दाम बढऩे से उद्यमियों को ब्यालर चलाने की लागत में भी इजाफा होगा, चूंकि उद्योंगो में ही रोजाना हजारों लीटर डीजल की जरूरत होती है। कारोबारियों की मानें तो परिवहन लागत बढऩे से हर स्तर पर महंगाई बढ़ेगी। ट्रक यूनियन नालागढ़ के अध्यक्ष विद्या रतन ने बताया कि यूनियन ने मालभाड़े में एक रुपए 40 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से बढ़ोतरी की है। यह पहले ही तय किया हुआ है कि जब भी ईंधन के दाम बढ़ेंगे तो भाड़ा भी बढ़ेगा और दाम घटेंगे तो कम भी होगा। यूनियन ने ईंधन में एक रुपए की वृद्धि या कमी पर 35 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से माल भाड़ा बढ़ाने व घटाने का निर्णय उद्यमियों की सहमति से ले रखा है। इसी आधार पर अब मालभाड़े में बढ़ोतरी की गई है। (एचडीएम)