मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के गांव में नमामि गंगे परियोजना तोड़ रही दम, गली और मुहल्ले हो गए दलदल

Sadhvi Niranjan Jyoti: हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के पत्योरा गांव की रहने वाली साध्वी निरंजन ज्योति मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। इनका परिवार आज भी गांव में रहता है। इस गांव में यमुना नदी किनारे नमामि गंगे परियोजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट और इन्टेक वेल प्लांट निर्माणाधीन है।

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हमीरपुर: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में महिला मंत्री के गांव में नमामि गंगे परियोजना ग्रामीणों के लिए जी का जंजाल बन गई है। परियोजना को जमीन पर लाने के चक्कर में पूरा गांव ही दलदल में तब्दील हो गया है। गांव की गली और मुहल्ले खोदाई होने से बदतर हो गए हैं। बच्चे भी घरों के बाहर नहीं खेल पा रहे हैं। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर बच्चों की प्रभातफेरी भी गांव में नहीं घूम सकी।

हमीरपुर जिले के सुमेरपुर थाना क्षेत्र के पत्योरा गांव की रहने वाली साध्वी निरंजन ज्योति मोदी सरकार में राज्यमंत्री हैं। इनका परिवार आज भी गांव में रहता है। इस गांव में यमुना नदी किनारे नमामि गंगे परियोजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट और इन्टेक वेल प्लांट निर्माणाधीन है। इस परियोजना को लेकर पूरे गांव में अन्डरग्राउन्ड पाइपलाइन डालने के लिए खोदाई कराई गई है, जिससे गांव की हर गली और मुहल्ले बारिश होने से दलदल में तब्दील हो गए हैं। 10 हजार की आबादी वाले पत्योरा गांव में इन दिनों ऐसे हालात हैं कि कोई भी घर से निकलते ही कीचड़ और दलदल में फिसलकर गिर पड़ता है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) कुलदीप सिंह चंदेल ने बताया कि पूरे गांव में नमामि गंगे परियोजना के पाइपलाइन डालने के चक्कर में खोदाई की गई है, जिससे बारिश होने पर हर जगह दलदल हो गया है। काम धंधे से बाहर जाने और आने में ग्रामीणों को बड़ी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। बताया कि मोदी सरकार की राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का यह गांव है। जहां उनके परिजन रहते हैं। फिर भी इस गांव की दुर्दशा से हर कोई परेशान है। ग्रामीणों का कहना है कि महिला मंत्री के गांव का सम्पर्क मार्ग भी दलदल हो गया है।

आजादी के जश्न की गांव में नहीं निकली प्रभातफेरी
पत्योरा गांव निवासी एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य कुलदीप सिंह चंदेल ने बताया कि हर जगह अमृत महोत्सव के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर जिले में हर जगह प्रभातफेरी निकाली गई, लेकिन यहां गांव में आजादी के जश्न की प्रभातफेरी भी नहीं निकाली जा सकी। गांव में जूनियर और प्राइमरी स्कूल है। जहां पांच सौ से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। आज स्वतंत्रता दिवस पर जैसे तैसे बच्चे स्कूल तो पहुंचे, लेकिन गांव में आजादी की वर्षगांठ को लेकर प्रभातफेरी बच्चे नहीं निकाल सके।

गांव के गली कूचे की दुर्दशा देख बच्चे भी घरों में दुबके
बारिश से गांव के गली कूचे और आम रास्ते में कीचड़ हो गया है। पाइपलाइन बिछाने के नाम पर खोदाई कराए जाने से बारिश से मिट्टी बहकर दलदल में तब्दील हो गई है, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने में डरते हैं। कुलदीप सिंह चंदेल समेत तमाम ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से बच्चे घर के बाहर खेलने के लिए तरस रहे हैं, क्योंकि घर के बाहर कीचड़ है। नमामि गंगे परियोजना के तहत अभी पचास फीसदी भी कार्य नहीं हो पाए हैं, लेकिन इसके चक्कर में गांव का बुरा हाल हो गया है। बच्चे परेशान हैं।