Name ambulance road, where ambulance did not reach even once

नाम एम्बुलेंस रोड़ , जहाँ एक बार भी नहीं पहुंची एम्बुलेंस

सोलन वार्ड नंबर 14 के निवासी पूर्ण रूप से खतरों के खिलाड़ी बन चुके हैं|  ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वह ऐसी सड़क पर वाहन चलाते हैं जिस पर पैदल चलना भी बेहद मुश्किल है | जान हथेली पर रहकर रखकर वह इस सड़क से आते जाते  हैं |  आपको जानकर हैरानी होगी इसरो रोड को एंबुलेंस रोड के नाम से जाना जाता है|  जिस पर करीबन 30 से 32 लाख  रुपए खर्च किए गए हैं | लेकिन दुर्भाग्यवश इस रोड पर एक बार भी एंबुलेंस नहीं आ पाई है | यही नहीं जब इस रोड का उद्घाटन हुआ था ,उस दिन भी  प्रशासन द्वारा यह एंबुलेंस को लाया गया था|  लेकिन जाते समय उस एंबुलेंस को कई लोगों ने धक्का मार कर उसे बड़ी मुश्किल से इस सड़क में पहुंचाया  था |  अब इस रोड की हालत ऐसी हो गई है कि इसमें लोग पैदल चलने से  घबराने  लगे हैं | जो लोग जोखिम उठाकर इस सड़क पर चलते हैं वह अक्सर चोटिल हो जाते हैं | एंबुलेंस के चालक इस ओर  पर आने से साफ मना कर देते हैं जिसके चलते रोगियों को पीठ पर उठाकर ही सड़क में पहुंचाना पड़ता है| 

 इस वार्ड में रहने वाले  वार्ड वासियों   ने  रोष जाहिर करते हुए कहा कि अगर विकास ऐसा होता है तो उन्हें विकास की आवश्यकता नहीं है|   उन्होंने कहा कि इस सड़क पर जो भी चलता है वह बिना चोटिल हुए नहीं रहता | यह सड़क दुर्घटनाओं का केंद्र बन चुकी है |  बड़े बजुर्ग इस सड़क पर आने से कतराते है | उन्होंने यह भी कहा कि सड़क पर बड़े बड़े गड्डे पड़े है | जिसे देख कर ऐसा लगता है कि इस सड़क को किसी नौसिखिए ने बनाया है | उन्होंने  मांग  कि, जो भी इस सड़क की खराब हालत के जिम्मेदार है | उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए  | सड़क के कारण आने वाली समस्याओं के बारे में   एक महिला ने बताया कि जब वह गर्भवती थी तो उसे मजबूरन अपना घर छोड़कर शहर के बीच किराए का भवन लेख लेकर रहना पड़ा क्योंकि उनके घर तक सड़क की खराब हालत के कारण एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती थी |