Nandkumar Sai: टीएस सिंहदेव या नंदकुमार साय… सरगुजा में किसका रहेगा जलवा? पहली बार जानें जवाब

Nandkumar Sai Interview: कांग्रेस में शामिल होने के बाद नंदकुमार साय ने पहली बार मीडिया से बात की है। उन्होंने नवभारत टाइम्स.कॉम से एक्सक्लूसिव बातचीत में खुलकर सभी मुद्दों पर बात की है।

रायपुर: कांग्रेस नेता नंदकुमार साय ने बीजेपी छोड़ने के बाद नवभारत टाइम्स ऑनलाइन से एक्सक्लूसिव बातचीत की है। बातचीत के दौरान उन्होंने बीजेपी छोड़ने के कारण बताए हैं। नंदकुमार साय ने कहा कि मैं पिछले एक साल से पार्टी के बड़े नेताओं से संपर्क करने की कोशिश कर रहा था। उन्हें मैं बताना चाहता था कि पार्टी कमजोर हो रही है। तीन बार हमारी सरकार रही लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में हम हार गए। हम चाहते थे कि छत्तीसगढ़ में पार्टी को और मजबूत करने की जरूरत है। इस बीच हमारी सक्रियता कम हो गई थी। हमने नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की। उन्हें मैसेज किया कि हम कुछ बात करना चाहते हैं। नंदकुमार साय ने कहा कि उधर से हमें जवाब मिलता था कि आपका संदेश मिला है, हम योजना बनाते हैं कि कब आपसे मिलेंगे।

नंदकुमार साय ने कहा कि 10-11 महीने हो गए। पार्टी में हमारी किसी से बात नहीं हुई। इस्तीफे के बाद भी हमारे पास किसी का फोन नहीं आया। मैं इंतजार में बैठा था कि कोई जवाब आएगा। साय ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव में अब पांच महीने का वक्त है। पार्टी क्या योजना बना रही है, मुझे कोई जानकारी नहीं है। बीजेपी के प्रभारी लोग यहां आते थे, उनसे भी कोई संपर्क नहीं होता था।

nandkumar sai interview

कांग्रेस में जाने का फैसला अचानक क्या?

साय ने कहा कि कांग्रेस में जाने का फैसला अचानक नहीं था। पूर्व में मैं सीएम भूपेश बघेल से कामों को लेकर मिलते रहता था। साय ने कहा कि कांग्रेस में जाने की तैयारी पहले से नहीं चल रही थी। नंदकुमार साय ने चुनाव लड़ने की बात पर कहा कि यह पार्टी तय करेगी कि कौन चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं लड़ेगा? पार्टी से सारी चीजों पर चर्चा होगी कि उसके बाद आगे फैसला करेंगे। हम राजनीति में हैं। हम नहीं तो कोई और राजनीति में आगे आएगा। आगे क्या होगा, ये देखा जाएगा।

सरगुजा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

वहीं, नंदुकमार साय सरगुजा से आते हैं। साथ ही कांग्रेस के सीनियर नेता टीएस सिंहदेव भी उसी इलाके से आते हैं। ऐसे में सवाल है कि सरगुजा पर अब किसका प्रभाव पड़ेगा। इस सवाल पर नंदकुमार साय ने कहा कि समय आने पर ही प्रभाव का अंदाजा लगेगा। बहुत बड़े-बड़े लोग एक साथ मिलकर काम करते रहे हैं। इससे कोई अंतर नहीं पड़ेगा। समय आने पर ही कुछ दिखेगा।