NASA 2033 तक पृथ्वी पर लाएगा मंगल ग्रह के सैंपल, इस स्टेज का काम पूरा

वॉशिंगटन. नासा (NASA) की प्रोग्राम टीम ने वैज्ञानिक रूप से चयनित नमूनों को वापस लाने के लिए आर्किटेक्चर का मूल्यांकन और परिष्करण किया, जो वर्तमान में लाल ग्रह (Red Planet) यानी मंगल (MARS) के जेजेरो क्रेटर में नासा के पर्सेवरेंस रोवर (Perseverance rover) द्वारा संग्रह प्रक्रिया में हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने मंगल ग्रह के नमूने लाने की समयसीमा तय कर दी है. नासा ने कहा है कि 2033 तक वह पृथ्वी पर मंगल ग्रह के नमूने ले आएगा.

नासा के मार्स पर्सवेरेंस रोवर द्वारा मंगल की सतह से एकत्र किए गए नमूनों पृथ्वी पर लाये जायेंगे. (Image: NASA/JPL-Caltech)

नासा ने अपने ‘मार्स सैंपल रिटर्न प्रोग्राम’ (Mars Sample Return Program) के लिए सिस्टम आवश्यकताओं की समीक्षा पूरी कर ली है, जो अवधारणात्मक डिजाइन चरण (Conceptual Design Phase) के पूरा होने के करीब है.

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का योगदान शामिल
इस चरण के दौरान, प्रोग्राम टीम ने वैज्ञानिक रूप से चयनित नमूनों को वापस लाने के लिए आर्किटेक्चर का मूल्यांकन और परिष्करण (Evaluated and Refined) किया, जो वर्तमान में लाल ग्रह (Red Planet) के जेजेरो क्रेटर में नासा के पर्सेवरेंस रोवर द्वारा संग्रह प्रक्रिया में हैं. इस अभियान में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) का योगदान शामिल है, जिससे भविष्य में मिशन की जटिलता कम होने और सफलता की संभावना बढ़ने की उम्मीद है.

वाशिंगटन के नासा मुख्यालय में विज्ञान के सहयोगी प्रशासक थॉमस ज़ुर्बुचेन ने कहा, “अवधारणात्मक डिजाइन चरण तब होता है जब एक मिशन योजना के हर पहलू को गहन जांच के लिए रखा जाता है.” उन्होंने कहा, “योजना में कुछ महत्वपूर्ण और लाभप्रद परिवर्तन हो रहे हैं, जिसका सीधा श्रेय जेजेरो में पर्सवेरेंस रोवर की हालिया सफलताओं और हमारे मंगल हेलीकॉप्टर के अद्भुत प्रदर्शन को दिया जा सकता है.”

नमूने लाने के लिए अब कोई और लैंडर शामिल नहीं किया जाएगा
यह उन्नत मिशन आर्किटेक्चर पर्सवेरेंस की अपेक्षित लंबी उम्र के हाल ही में अद्यतन विश्लेषण को ध्यान में रखता है. नासा के नमूना प्राप्त कर लाने वाले लैंडर (किसी ग्रह की सतह पर उतरने के लिए बनाया गया एक अंतरिक्ष यान) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) के नमूना स्थानांतरण करने वाले अतिरिक्त संसाधन को पृथ्वी पर लाने के लिए प्राथमिक साधन पर्सवेरेंस रोवर होगा. यानी कि मार्स सैंपल रिटर्न अभियान में अब सैंपल लाने वाले रोवर या उससे जुड़े दूसरे लैंडर को शामिल नहीं किया जाएगा.

नमूने लाने के लिए दो सैंपल रिकवरी हेलीकॉप्टर शामिल होंगे
मंगल ग्रह से नमूना प्राप्त करके लाने वाले लैंडर में दो सैंपल रिकवरी हेलीकॉप्टर शामिल होंगे, जो इनजेनिटी हेलीकॉप्टर (Ingenuity helicopter) की तकनीक पर आधारित है.

इनजेनिटी एक छोटा रोबोट कोएक्सियल रोटर हेलीकॉप्टर है, जो नासा के हिस्से के रूप में मंगल ग्रह पर काम कर रहा है. इस हेलीकॉप्टर ने अबतक मंगल ग्रह पर 29 उड़ानें भरी हैं और अपने निर्धारित जीवनकाल से एक वर्ष से अधिक समय तक काम करता रहा. ये हेलीकॉप्टर मंगल की सतह पर संचित नमूनों को पुनः प्राप्त करने के लिए एक द्वितीयक क्षमता प्रदान करेंगे.

ईएसए का पृथ्वी पर लौटने वाला ऑर्बिटर और नासा द्वारा प्रदान किया गया कैप्चर, कंटेनमेंट (किसी हानिकारक चीज को नियंत्रण में या सीमा के भीतर रखने की क्रिया) और रिटर्न सिस्टम प्रोग्राम आर्किटेक्चर के महत्वपूर्ण तत्व बने हुए हैं. ईएसए का पृथ्वी पर लौटने वाला ऑर्बिटर के लिए 2027 और नासा के सैंपल लाने वाला लैंडर के लिए 2028 के मध्य में लॉन्च तिथि नियोजित की गई है. इसी के साथ 2033 तक मंगल ग्रह के नमूने पृथ्वी पर आने की उम्मीद है.