साइंटिस्ट्स हर साल ब्रह्माण्ड की कोई न कोई खोज करते हैं और हर बार ये बात साबित हो जाती है कि इस संसार में हम पृथ्वीवासी शायद अकेले न हों. इससे जुड़ा एक सवाल हमारे दिमाग में हमेशा रहता है कि क्या ब्रह्माण्ड में हमारी तरह कोई और दुनिया भी है?
Sci Newsपानी से ढका हुआ धरती से 70 गुना बड़ा प्लेनेट इसी कड़ी में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पृथ्वी से करीब 100 वर्ष प्रकाश दूरी पर एक ऐसे ग्रह की खोज की है, जो पूरी तरह पानी से ढका हुआ है. नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ग्रह का नाम TOI-1452 b है. ये गोल्डीलॉक्स जोन में मौजूद है. ये यूनिवर्स का वो इलाका है जहां ना ही बहुत अधिक तामपान होता है और ना ही बहुत ठंड. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर पानी मौजूद हो सकता है. वैज्ञानिकों ने इस खोज को लेकर एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि यह ग्रह पृथ्वी से तक़रीबन 70 गुना बड़ा हो सकता है. नासा ने ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटलाइट (TESS) की मदद से इस ग्रह को खोजा है.Representative Imageपृथ्वी की तरह दिखने वाला अब तक का सबसे बेस्ट ग्रह नासा के मुताबिक, इस ग्रह की खोज बहुत ही दिलचस्प है. उम्मीद है इस पर पानी मौजूद हो. क्योंकि इस ग्रह पर कई सारे महासागर होने के भी संकेत मिले हैं. वहीं एक अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि यह ग्रह हाइड्रोजन और हीलियम के वातावरण वाला एक चट्टानी ग्रह भी हो सकता है.
मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस ग्रह की खोज की है. इस रिसर्च के प्रमुख लेखक चार्ल्स कैडियक्स के अनुसार, यह ग्रह (TOI-1452 b) आज तक के खोजे गए समंदर वाले ग्रहों में सबसे अच्छा है. उनका अनुमान है कि इस ग्रह के द्रव्यमान का 30 फीसदी हिस्सा पानी हो सकता है. जिसका पता लगाने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का प्रयोग करना होगा. Representative Imageमीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस ग्रह के दो सूरज हैं. यह ग्रह 11 दिनों में एक बार अपने लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है. इसके अलावा एक बाइनरी तारे की भी परिक्रमा करता है, जिसमें दो तारे एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं.
Sci Newsपानी से ढका हुआ धरती से 70 गुना बड़ा प्लेनेट इसी कड़ी में वैज्ञानिकों की एक टीम ने पृथ्वी से करीब 100 वर्ष प्रकाश दूरी पर एक ऐसे ग्रह की खोज की है, जो पूरी तरह पानी से ढका हुआ है. नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस ग्रह का नाम TOI-1452 b है. ये गोल्डीलॉक्स जोन में मौजूद है. ये यूनिवर्स का वो इलाका है जहां ना ही बहुत अधिक तामपान होता है और ना ही बहुत ठंड. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि इस ग्रह पर पानी मौजूद हो सकता है. वैज्ञानिकों ने इस खोज को लेकर एक बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि यह ग्रह पृथ्वी से तक़रीबन 70 गुना बड़ा हो सकता है. नासा ने ट्रांजिटिंग एक्सोप्लेनेट सर्वे सैटलाइट (TESS) की मदद से इस ग्रह को खोजा है.Representative Imageपृथ्वी की तरह दिखने वाला अब तक का सबसे बेस्ट ग्रह नासा के मुताबिक, इस ग्रह की खोज बहुत ही दिलचस्प है. उम्मीद है इस पर पानी मौजूद हो. क्योंकि इस ग्रह पर कई सारे महासागर होने के भी संकेत मिले हैं. वहीं एक अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि यह ग्रह हाइड्रोजन और हीलियम के वातावरण वाला एक चट्टानी ग्रह भी हो सकता है.
मॉन्ट्रियल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस ग्रह की खोज की है. इस रिसर्च के प्रमुख लेखक चार्ल्स कैडियक्स के अनुसार, यह ग्रह (TOI-1452 b) आज तक के खोजे गए समंदर वाले ग्रहों में सबसे अच्छा है. उनका अनुमान है कि इस ग्रह के द्रव्यमान का 30 फीसदी हिस्सा पानी हो सकता है. जिसका पता लगाने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप का प्रयोग करना होगा. Representative Imageमीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस ग्रह के दो सूरज हैं. यह ग्रह 11 दिनों में एक बार अपने लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है. इसके अलावा एक बाइनरी तारे की भी परिक्रमा करता है, जिसमें दो तारे एक दूसरे की परिक्रमा करते हैं.