NASA Mars Bear: मंगल ग्रह के पत्थर पर किसने बनाया भालू का चेहरा? अजीबोगरीब आकृति देख कर वैज्ञानिक हैरान

Mars Bear Face: मंगल ग्रह की तस्वीरें खींचने वाले नासा के एक ऑर्बिटर ने हैरान करने वाली फोटो दी है। इस फोटो में मंगल ग्रह की चट्टान पर एक भालू का चेहरा देखने को मिला है। तस्वीर में एक चट्टान पर एक गोल क्रेक दिख रहा है, जो उसके चेहरे का आधार बनाता है। वी आकृति इसकी नाक और दो धब्बे इसकी आंख जैसे दिखाई दे रहे हैं।
mars bear
मंगल पर दिखा भालू का चेहरा। (Credit-NASA)
वॉशिंगटन: मंगल ग्रह का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने एक हैरान करने वाली चीज देखी है। उन्होंने मंगल ग्रह की चट्टान पर एक मुस्कुराता हुआ चेहरा देखा है। ये चेहरा एक भालू जैसा दिख रहा है। एरिजोना यूनिवर्सिटी ने 25 जनवरी को एक फोटो शेयर की थी। तस्वीर में इसकी बटन जैसी दो आंखें दिख रही हैं। इसका चेहरा ऊपर की ओर है। नासा के रिकॉनिसेंट ऑर्बिटर के कैमरे ने 12 दिसंबर 2022 को इस तस्वीर को खींचा था। जिस दौरान यह तस्वीर खींची गई तब ऑर्बिटर 251 किमी ऊपर था।

लेकिन क्या मंगल ग्रह पर सच में किसी ने भालू की तस्वीर बनाई है। यूनिवर्सिटी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि संभवतः ये एक प्राचीन क्रेटर की टूटी-फूटी पहाड़ी है। बयान में कहा गया है कि एक बड़ा गोल दरार दिख रहा है, जो इसका सिर बनाता है। इसके बीच में V आकृति है जिससे इसकी नाक बन रही है। गोले के अंदर ही दो बटन जैसे धब्बे हैं, जिसके कारण यह देखने में आंख की तरह दिख रहा है।
क्यों दिखता है चेहरातस्वीर देखने पर धूल भरी चट्टानें और दरारों के बीच भालू का चेहरा दिखाई देगा। इस तरह की आकृति पेरिडोलिया नाम की एक घटना के कारण होता है। ये एक मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति के कारण होता है। ऐसे में लोग अपनी इच्छा के मुताबिक चीजों में आकृति देखते हैं। जिस संगीत को वह समझ न सकें उसमें भी उन्हें मन मुताबिक अपने हिसाब से शब्द सुनाई देते हैं। अंतरिक्ष में पेरिडोलिया की घटनाओं के लिए अनंत तस्वीरें हो सकती हैं।
मंगल ग्रह के लिए तेज रॉकेट बना रहा नासाअमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक न्यूक्लियर शक्ति से चलने वाले रॉकेट को बनाने में लगी है। उनका कहना है कि अभी तक मंगल ग्रह पर जाने में लगभग 7 महीने लग जाते हैं। लेकिन इस तरह के रॉकेट के जरिए हम बहुत ही स्पीड से जा सकेंगे। क्योंकि अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहना खतरनाक हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि एस्ट्रोनॉट के लिए यह यात्रा तेजी से हो। नासा को उम्मीद है कि वह इस तरह का थर्मल रॉकेट इंजन 2027 तक बना लेंगे।