NASA Found New Planet: नासा के TESS मिशन ने एक नया ग्रह खोजा है। यह एक चट्टानी ग्रह है, जो पृथ्वी के आकार का है। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि इस पर पानी हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो यह जीवन के लिए एकदम बेहतर हो सकता है। यह ग्रह धरती से 100 प्रकाश वर्ष दूर है। इसका नाम TOI 700 e है।
वॉशिंगटन: नासा ने लगभग 100 प्रकाश-वर्ष दूर एक छोटे तारे के चारों ओर घूमते हुए एक ग्रह को खोजा है। यह ग्रह पृथ्वी के आकार का है। इस ग्रह का नाम TOI 700 e है। यह एक चट्टानी ग्रह है, जिसका आकार पृथ्वी का 95 फीसदी है। यह पृथ्वी से सिर्फ 5 फीसदी छोटा है। यह चौथा ग्रह है ,जिसे एक M बौने तारे TOI 700 की परिक्रमा करते हुए खोजा गया है। इन सभी ग्रहों को नासा के ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटेलाइट, या TESS मिशन ने खोजा था।
नासा ने इससे पहले 2020 में एक ग्रह खोजा था, जिसे TOI 700 d नाम दिया गया था। वह भी पृथ्वी के ही आकार का है। ये दोनों ग्रह अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र में मौजूद हैं। तारे से यह ग्रह इतनी दूर हैं कि संभवत: इस पर पानी मौजूद हो सकता है। अगर इन ग्रहों पर पानी है तो इनमें से कोई एक जीवन के लिए एकदम सही हो सकता है। चौथे ग्रह की खोज के बारे में घोषणा मंगलवार को अमेरिका के सिएटल में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी की 241वीं बैठक में की गई है।
खोज जर्नल में होगी प्रकाशित
इस ग्रह की खोज के बारे में एक अध्ययन को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स की ओर से प्रकाशन के लिए स्वीकार कर लिया गया है। कैलिफोर्निया के पासाडोना में नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में इस स्टडी की प्रमुख लेखक एमिली गिल्बर्ट ने एक बयान में कहा, ‘यह कई, छोटे और रहने योग्य ग्रहों के सिस्टम में से एक है, जिसे हम जानते हैं। इस खोज के बाद अब TOI 700 सिस्टम का अतिरिक्त फॉलो-अप होगा। प्लैनेट ई, प्लैनेट डी से लगभग 10 फीसदी छोटा है।’
10 दिन में पूरी हो जाती है सूर्य की परिक्रमा
TOI 700 जैसे छोटे शांत M बौने तारे ब्रह्मांड में आम हैं। हाल के वर्षों में ऐसे ही कई तारे पाए गए है। जैसे ट्रैपिस्ट-1 सिस्टम जिसे इसके सात ग्रहों के साथ जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने खोजा था। TOI 700 के सबसे करीब TOI 700 b ग्रह है, जो पृथ्वी के आकार का 90 फीसदी है। यह पृथ्वी के 10 दिनों में ही अपने तारे का एक चक्कर पूरा कर लेता है। इसके बाद TOI 700 C है जो हमारे ग्रह से 2.5 गुना ज्यादा बड़ा है। यह 16 दिनों में तारे की परिक्रमा पूरी करता है। लेकिन ये दोनों ग्रह अपने धुरी पर नहीं घूम रहे हैं, इसलिए सूर्य की तरफ इनका एक ही चेहरा होता है। ठीक चांद की तरह।