डॉ वाई एस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा ऑनलाइन मोड में राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस मनाया गया। यह आयोजन विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित किया गया था और इसमें विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय के साथ-साथ विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया था।
भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के जन्मदिवस मनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को राष्ट्रीय कृषि शिक्षा दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल मुख्य अतिथि रहे। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ पीके महाजन ने मुख्य अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया।डॉ कौशल ने अपने संबोधन में भारत में कृषि की भूमिका पर जोर दिया और छात्रों से देश में कृषि क्रांति का हिस्सा बनने का आग्रह किया।
उन्होंने छात्रों को कृषि को एक पेशे के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित करने में स्कूलों की भूमिका पर ज़ोर दिया। डॉ कौशल ने कहा कि नई शिक्षा नीति देश की शिक्षा प्रणाली को परिवर्तित करने में मदद करेगी।
इस कार्यक्रम में सोलन के सेंट लुक्स, एमआरए डीएवी और गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल के 75 से अधिक छात्रों द्वारा ऑनलाइन मोड़ से भाग लिया गया। आयोजन में बीएससी बागवानी और वानिकी के अंतिम वर्ष के छात्रों ने भी भाग लिया। कृषि शिक्षा का महत्व और कार्यक्षेत्र विषय पर एक ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई। निकुशभा ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि प्रीतिका और वर्णिका दूसरे स्थान पर और सोनाली ठाकुर तीसरे स्थान पर रहीं।
कार्यक्रम के समन्वयक डॉ अनिल सूद ने इस अवसर पर एक विशेष लैक्चर दिया। डॉ केके रैना, डॉ मणिका तोमर, डॉ रेशमा नेगी, डॉ रश्मि चौधरी, डॉ पीयूष मेहता, डॉ यास्मीन और डॉ रोहित शर्मा द्वा ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया। विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर एंड फॉरेस्ट्री, नेरी में भी इस अवसर पर वर्चुअल समारोह आयोजित किया।