दारुल उलूम में मदरसों का राष्ट्रीय सम्मेलन आज, देश भर से शिरकत करने पहुंचे 4500 मदरसा संचालक

दारुल उलूम में मदरसों का सम्मेलन शुरू हो चुका है। दारूल उलूम से संबद्ध कुल हिंद-राब्ता-ए-मदारिस से जुड़े देश भर के करीब 4500  मदरसों के संचालक सम्मेलन में मौजूद हैं।

दारुल उलूम में मदरसों का सम्मेलन
दारुल उलूम में मदरसों का सम्मेलन

उत्तर प्रदेश के देवबंद में दारुल उलूम में कुलहिंद राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया की ओर से मदरसों के राष्ट्रीय सम्मेलन आज से शुरू हो गए। शनिवार सुबह से मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। बाहर से आने वाले लोग दारुल उलूम परिसर में बनाए गए काउंटरों पर एंट्री करा रहे हैं। रविवार को सुबह सम्मेलन का आगाज हुआ। मदरसों के संचालन में आने वाली समस्याओं और शिक्षा की बेहतरी पर  मंथन किया जा रहा है।

मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को ओर अधिक बेहतर बनाने, दीनी इदारों को साजिशों से बचाने और पाठ्यक्रम में मामूली रूप से फेरबदल करने के उद्देश्य से वर्ष 1995 में दारुल उलूम द्वारा स्थापित कुलहिंद राब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया का राष्ट्रीय सम्मेलन एशिया की प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया में आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए सभी तैयारियों पूरी कर ली गई थीं।

शनिवार सुबह से ही मेहमानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। मेहमानों के ठहरने और खाने पीने और वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था करने के लिए अलग-अलग कमेटियां बनाई गई हैं, साथ ही अलग अलग राज्यों से आने वाले लोगों के बारे में पूरी जानकारी रहे। इसके लिए राज्यवार काउंटर लगाए गए हैं। जिन पर पहुंचकर लोग एंट्री करा रहे हैं। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल के आसपास ही कई जगहों पर मेहमानों के रुकने की व्यवस्था की गई है।

वर्ष 2008 में आतंकवाद के खिलाफ की थी कांफ्रेंस 
देवबंद। कुलहिंद राब्ता-ए-मदारिस के बैनर तले देवबंद में वर्ष 2008 के फरवरी माह में आतंकवाद विरोधी कांफ्रेंस आयोजित की गई थी। जिसमें देशभर के करीब 20 हजार उलमा ने शिरकत की थी। इसी कांफ्रेंस में आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया गया था। जो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना था। यह संगठन की स्थापना के बाद से सबसे बड़ा कार्यक्रम था।