Tiranga: 15 अगस्त 1947 को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में पहला बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।
हम गर्व से अपने राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा कहते हैं जिसका अर्थ है तीन रंग। हालांकि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ध्वज में वास्तव में चार रंग होते हैं। जब 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश सरकार ने भारत की आजादी की घोषणा की उसके बाद देश ने एक राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) की आवश्यकता को महसूस किया। 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के लिए तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया। आइए तिरंगे के विषय में कुछ जरूरी बातों को जान लेते हैं।
1- 15 अगस्त 1947 को ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में पहला बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।
2- 16 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता के बाद पहली बार लाल किले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।
3- तिरंगे का केसरिया रंग साहस, त्याग, वीरता और त्याग की भावना का प्रतीक है। यह ज्ञान और क्रिया दोनों को इंगित करता है। रंग भारतीय सूर्य की प्रचंड गर्मी के कारण पृथ्वी की झुलसी हुई स्थिति का भी प्रतिनिधित्व करता है। यह साधु, संत, पीर, फकीर और पंडितों के नेतृत्व में आध्यात्मिक जीवन का रंग है। वहीं हमारे झंडे में हरा रंग विकास, कृषि और आशा को दर्शाता है।
4- आप साल के सभी 365 दिनों में अपने घर पर या अपने कार्यस्थल पर देश का राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकते हैं।
5- केंद्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कुछ गणमान्य व्यक्तियों की मृत्यु की स्थिति में, कुछ स्थानों पर और निर्दिष्ट दिनों के लिए राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहता है।
6- फ्लैग कोड ऑफ इंडिया वह ऑफिशियल बुक है जो हमारे राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग के लिए संहिता निर्धारित करती है। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के लिए सभी कानूनों, परंपराओं, प्रथाओं और निर्देशों को एक साथ लाती है।
7- भारतीय नागरिक अपनी कार के अंदर डैशबोर्ड या विंडस्क्रीन पर मिनी तिरंगा फहरा सकते हैं।