चाय बेच कर कर्ज़ उतार रही नेशनल लेवल तीरंदाज़, क़र्ज़ लेकर ख़रीदा धनुष टूटा, नहीं खेल पाई वर्ल्ड कप

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किसी भी खिलाड़ी के लिए देश का प्रतिनिधित्व करना आसान नहीं होता. कई बार उसे मुश्किल से मुश्किल सफर तय करना पड़ता है जिसमें आर्थिक समस्या एक बड़ी रूकावट बनती है. इस बीच एक नेशनल लेवल तीरंदाज़ के सड़कों पर चाय बेचने की ख़बर सामने आई है.

कर्ज के पैसों लिया धनुष टूटा, टूट गया विश्वकप खेलने का सपना

दरअसल झारखंड के लोहरदगा जिले के राजा बंगला की रहने वाली नेशनल तीरंदाज दिप्ती कुमारी राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं. उन्होंने उस दौरान कई पुरस्कार और मेडल भी अपने नाम किया. मगर, उनका विश्व कप खेलने का सपना पूरा नहीं हो सका और वो रांची की सड़क पर चाय बेच रही हैं क्योंकि उन्होंने कर्ज लेकर साढ़े चार लाख रुपए का जो धनुष खरीदा था, वो वर्ल्ड कप से पहले प्रैक्टिस के दौरान टूट गया था. अब वह चाय बेचकर कर्ज राशि चुका रही हैं.

दिप्ती कुमारी के पिता बजरंग प्रजापति ने बेटी की काबलियत देखते हुए सरायकेला खरसावां ट्रेनिंग सेंटर में तीरंदाजी सीखने के लिए भेजा. पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने और देश के लिए मेडल लाने के लिए दिप्ती ने खूब मेहनत भी की. फिर स्टेट और नेशनल लेवल पर कई प्रतियोगिताओं में मेडल और पुरस्कार भी जीते. इस दौरान आर्थिक तंगी भी एक समस्या बनी रही.

चाय बेचकर चुका रही हैं कर्ज राशि

आगे साल 2013 में वर्ल्ड कप होना था, जिसके लिए कोलकाता के साईं सेंटर में ट्रायल होना था, जहां शामिल होने के लिए दिप्ती ने कर्ज लेकर साढ़े चार लाख रुपए का धनुष खरीदा था. जो प्रैक्टिस के दौरान टूट गया.

National archer Dipti Kumari is selling tea to repay the loan amountIP

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि उनका धनुष अभ्यास के दौरान टूटा या कोई उनको हानि पहुंचाने के लिए धनुष को तोड़ दिया था. दिप्ती का कहना है कि अभ्यास के लगभग डेढ़ घंटे बाद उनको पता चला कि उनका धनुष टूट गया है. इसके साथ ही उनका वर्ल्ड कप खेलने का सपना भी टूट गया. अब वो चाय बेचकर कर्ज राशि चुका रही हैं.

दिप्ती का कहना है कि अगर राज्य सरकार उन्हें एक उच्च गुणवत्ता का धनुष दिलाने में उनकी मदद करती है तो वह देश का नाम रौशन करने की पूरी कोशिश करुंगी. साथ में उन्होंने सरकार से नौकरी देने की भी मांग की है. इसके अलावा साढ़े चार लाख रुपए का कर्ज चुकाने के लिए आर्थिक रूप से मदद की गुहार लगाई है.