इंसानों की वजह से हमारा वायुमंडल और वातावरण, पशु-पक्षियों को काफ़ी नुकसान पहुंचा है. फ़ॉसिल फ़्यूल्स जलाना, इंडस्ट्रियल फ़ैक्ट्रीज़ से निकलने वाला धुंआ, प्लास्टिक आदि वजहों से पृथ्वी पर रहने वाले कई जीव-जंतु, पेड़-पौधों पर विलुप्त हो गए और कुछ विलुप्त होने की कगार पर हैं. इन तमाम मुश्किलों के बावजूद कई दुलर्भ पशु-पक्षी देखने को मिले. कुछ बड़े उदाहरण यहां मौजूद हैं:
1. काला बाघ, ओडिशा
ओडिशा के सिमलिपाल राष्ट्रीय उद्यान (Simlipal National Park) में काले बाघ नज़र आए. जेनेटिक म्यूटेशि की वजह से इन बाघों का रंग काला हो गया. ये काफ़ी दुर्लभ नज़ारा है. पहली बार 2007 में सिमलिपाल में काले बाघ देखे गए थे.
2. सफ़ेद हॉग हिरण, असम
असम के काज़ीरंगा नेशनल पार्क में पहली बार दुर्लभ सफ़ेद हॉग हिरण (White Hog Deer) देखा गया. एलबाइनो हॉग हिरण को नेशल पार्क के कोहोरा क्षेत्र में देखा गया. ये हिरण एक भूरे रंग के हिरण के पीछे घूमता और घास सूंघता देखा गया.
3. गुलाबी तेंदुआ, राजस्थान
भारत में इंसानों और तेंदुए के संघर्ष की ख़बरें आती रहती हैं. लेकिन पहली बार एक गुलाबी रंग का तेंदुआ देखा गया. दक्षिण राजस्थान में पहली बार गुलाबी तेंदुआ (Pink Leopard) देखा गया. वैसे तो इससे पहले, 2012 और 2019 में अफ़्रीका में गुलाबी तेंदुआ दिखा था लेकिन भारत में पहली बार गुलाबी तेंदुआ देखा गया.
3. दो सिर वाला सांप, उत्तराखंड
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के कलसी फ़ॉरेस्ट डिवीज़न में 2 सिर वाला सांप देखा गया. सांप लगभग डेढ़ फ़ीट लंबा था और उसकी उम्र तकरीबन 2 हफ़्ते थी. रेस्क्यू टीम को एक फ़ैक्ट्री में कोबरा होने की सूचना मिली, रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ही देखा गया कि सांप के दो सिर हैं.
4. Common Palm Civet, ओडिशा
ओड़िशा के सतकोसिया टाइगर रिज़र्व में 129 साल बाद एक दुर्लभ जानवर Common Palm Civet नज़र आया. 1891 में ये भारत में देखा गया था. बाघ की गतिविधियां रिकॉर्ड करने के लिये लगाए के कैमरा ट्रैप में इस जीव की तस्वीर क़ैद हो गई. इस जीव की पहली की तस्वीरों से थोड़ा रंग बदल गया है.
5. मंदारिन बत्तख, असम
असम के मागुरी बील में एक रेयर मंदारिन बत्तख देखी गई. इस पक्षी को आख़िरी बार 1902 में देखा गया था. ये बत्तख दूसरी बत्तखों के साथ ही तैर रही थी.
6. चॉकलेट फ़्रॉग, न्यू गिनी
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े द्वीप न्यू गिनी के गर्म वर्षावन में एक दुर्लभ और अनोखा मेंढक देखा गया. आस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं के मुताबिक आमतौर पर मेंढक हरे रंग के होते हैं, मगर यह भूरे रंग का है. अलग रंग के होने की वजह से इस मेंढक का नाम चॉकलेट फ़्रॉग रखा गया.
7. Orange Eyed Owl, मलेशिया
मलेशिया के माउंट किनाबलू वर्षावन में दुर्लभ नारंगी आंखों वाला उल्लू (Orange Eyed Owl) देखा गया. आख़री बार इस उल्लू को 1892 में यानि 129 साल पहले देखा गया था. इस उल्लू की तलाश में एक टेक्निशियन कीगन ट्रांनक्लिलो ने काफी वक्त माउंट किनाबलू के जंगल के अंदर बिताया था, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली थी.
8. पीला पेंगुइन, अंटार्कटिका
फोटोग्राफर यवेस एडम्स (Yves Adams) ने पीले पेंगुइन को अपने कैमरे में क़ैद किया. 1,20,000 किंग पेंगुइन की कॉलोनी में ये पेंगुइन देखा गया. किंग पेंगुइन के सफ़ेद और काले पर होते हैं. उनकी गर्दन पर पीली धारियां होती हैं. पीला पेंगुइन होने के सुबूत पहले भी मिल चुके हैं लेकिन पहली बार पीले पेंगुइन को कैमरे में क़ैद किया गया.
9. स्नो आउल, यूएसए
यूएसए के न्यूयॉर्क स्थित सेन्ट्रल पार्क में ध्रुवीय क्षेत्रों में पाया जाने वाला दुर्लभ बर्फ़ीला उल्लू (Snow Owl) देखा गया. लगभग 130 साल बाद शहर में ये उल्लू देखा गया. इससे पहले न्यूयॉर्क में सिर्फ़ 2 बार ही इसे देखा गया था.
10. शैलीज़ इगल आउल, घाना
घाना के वर्षावनों में लगभग 150 साल बाद शैलीज़ इगल आउल (Shelley’s Eagle Owl) को देखा गया. आख़िरी बार इसे 1870 में ये घाना के जंगलों में देखा गया था. इस उल्लू की आवाज़ बाक़ी उल्लुओं से ज़रा तेज़ है और रिकॉर्ड में इस उल्लू की अब तक एक ही तस्वीर थे.
11. सफ़ेद कंगारू, ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के क्वीन्सलैंड में एक महिला को दुर्लभ सफ़ेद कंगारू नज़र आया. Sarah Kinnon को अपनी ज़मीन के पास दुधिया सफ़ेद रंग का कंगारू दिखा. छह महीने पहले भी लोगों को एक सफ़ेद कंगारू दिखा था और लोगों का मानना है कि ये वही कंगारू है. सैरा के पास कैमरा था और उसने ये अद्भुत नज़ारा कैमरे में क़ैद कर लिया.
हमारी आशा है कि पशु और पक्षियों का संरक्षण किया जाएगा और उन्हे हमेशा के लिए खोने से बचाया जाएगा.