कुदरत का करिश्मा: अमेरिका-कनाडा के आसमान में दिखी रहस्यमयी रोशनी, गुलाबी हुआ आसमान

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अंतरिक्ष रहस्यों का भंडार है. आज के आधुनिक युग और नई तकनीकों के बावजूद भी आए दिन अंतरिक्ष में ऐसा कुछ दिख जाता है जो इंसान के लिए एक पहेली बन जाती है. अगर आम शख़्स इन चीज़ों को अपनी आंखों से देख ले तो उसे कुदरत का करिश्मा ही समझता है.  

आसमान में दिखा कुदरत का करिश्मा

ऐसा ही एक कुदरती करिश्मा हाल ही में उत्तरी अमेरिका के आसमान में देखने को मिला है. यहां एकदम से आसमान उस समय गुलाबी हो गया जब एक गुलाबी रौशनी की एक तेज किरण तारों से भरे आसमान के बीच से गुजरी. इस दुर्लभ दृश्य का वीडियो बनाने के साथ साथ इसकी तस्वीरें भी ली गईं. देखने में ये नॉर्दन लाइट्स यानी Aurora जैसा लगता है लेकिन ये कुछ और ही था.

ये कुदरत का अजब करिश्मा रविवार को उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी कनाडा के आसमान में देखने को मिला. पहले तो वैज्ञानिकों को लगा कि ये नॉर्दन लाइट्स है लेकिन बाद में जांच के बाद सामने आया कि ये नॉर्दन लाइट्स नहीं बल्कि स्टीव है. वैज्ञानिकों ने इसे स्ट्रॉन्ग थर्मल एमिशन वेलोसिटी एनहैंसमेंट नाम दिया है, जिसे शॉर्ट फॉर्म में STEVE कहा जाता है.

गुलाबी हो गया आसमान

STEVETwitter

गुलाबी रोशनी की इस तेज लहर को STEVE कहा जाता है. इसके आसपास हरे रंग की रौशनी भी बनती दिखती है. एक तरफ जहां नॉर्दन लाइट्स सौर तूफान के आवेषित कणों से बनते हैं, वहीं दूसरी तरफ स्टीव के बनने की प्रक्रिया पर वैज्ञानिक अभी भी किससी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. वैज्ञानिकों ने आसमान में चमकने वाली रोशनियों को दो तरह से विभाजित किया है. पहली रोशनी Airglow कहलाती है और दूसरी Aurora.

वैज्ञानिकों के लिए है रहस्य

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वैसे तो अरोरा आमतौर पर ध्रुवीय इलाकों में ही देखने को मिलता है लेकिन स्टीव न तो Airglow में आता है और न Aurora में. यह गुलाबी रोशनी वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य बन गई है. कई बार ये अरोरा जोन के बाहर बनता है. इसका व्यवहार अरोरा यानी नॉर्दन लाइट्स जैसा ही होता है, लेकिन ये अरोरा नहीं होता. इसके बारे में वैज्ञानिक सिर्फ इतना ही जान पाए हैं कि STEVE में आयन सुपरसोनिक गति से चलते हैं. ये आमतौर पर गुलाबी रंग के दिखते हैं. इनके चारों तरफ हरे रंग की रौशनी बनती-बिगड़ती रहती है.

स्टीव इससे पहले भी आसमान में अपनी गुलाबी रोशनी बिखेर चुका है. हैरान करने वाली बात ये है कि इसकी खोज किसी वैज्ञानिक ने नहीं बल्कि लोगों ने की थी. 2015-16 में फेसबुक पर कुछ लोगों ने पहली बार वर्टिकल अरोरा जैसी रौशनी को चलते देखा था.