नवरात्रि वेल्थ स्पेशल: शेयर बाजार में हुए बड़े लॉस को रिकवर कैसे करें? सीखें मां कात्यायनी की कथा से

नई दिल्ली. आज नवरात्रि का छठवां दिन है और इस दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है. मां कात्यायनी को देवी के सभी स्वरूपों में से विशेष इसलिए माना जाता है, क्योंकि इन्होंने महिषासुर का वध करके ब्रह्मांड में देवताओं की सत्ता फिर से स्थापित करने में मदद की थी. न्यूज़18 की “नवरात्रि वेल्थ स्पेशल” सीरीज़ में आज छठवें दिन मां कात्यायनी के माध्यम से निवेश के पाठ शेयर कर रहे हैं.

इस सीरीज का यह छठवां भाग है. इससे पहले हम 5 महत्वपूर्ण भाग हम प्रकाशित कर चुके हैं. यदि आपने अब तक उन्हें नहीं पढ़ा है तो आप पढ़ जरूर पढ़ें. क्या पता इसी नवरात्रि में देवी की कृपा आप पर बरसे और आप उनका प्रसाद पाकर धन्य हो जाएं. पिछले पांचों लेखों के लिंक नीचे दिए गए हैं-

क्या है मां कात्यायनी की कथा?
मां कात्यायनी की कथा के अनुसार, प्राचीन काम में देवताओं और असुरों के बीच में एक युद्ध चला. असुरों का नेतृत्व महिषासुर कर रहे थे, जबकि देवताओं के अगुवा इंद्र देव थे. यह युद्ध काफी लंबे समय तक चला. असुरों ने देवताओं को हराकर सिंहासन कब्जा लिया. महिषासुर ने इंद्र, सूर्य, चंद्र और वायु समेत सभी देवों के अधिकार भी उनसे छीन लिए.

देवता हारने के बाद ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामने पहुंचे और उन्हें कहानी बताई. सृष्टि का कार्यभार देखने वाले ये तीनों देवता क्रोधित हुए. कथा कहती है कि इन तीनों देवताओं के मुख से ऊर्जा निकली और अन्य देवताओं के शरीर की ऊर्जा से मिल गई. 10 दिशाओं में ये ऊर्जा फैली और मां कात्यायनी का अवतरण हुआ. इसके बाद भगवान विष्णु ने देवी के अपना त्रिशूल भेंट किया, जिससे मां ने असुरों के प्रमुख महिषासुध का वध किया और बैलेंस फिर से बना दिया.

ट्रेडिंग में लॉस ही है महिषासुर!
अभी तक आपने देवी के 5 स्वरूपों के बारे में पढ़ा और निवेश करने के अलग-अलग कॉन्सेप्ट्स को समझा. चूंकि निवेश लम्बे समय के लिए होता है और उसे मैनेज करने वाले फंड मैनेजर काफी अनुभवी होते हैं तो आपको नुकसान की चिंता नहीं होती. फंड मैनेजर्स उसे मैनेज कर ही लेते हैं.

लेकिन जब हम शेयर बाजार में ट्रेडिंग की तरफ देखते हैं तो यहां मामला उलटा पड़ जाता है. छोटी रकम के साथ, बिना जानकारी लिए, शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए उतरना काफी खतरनाक होता है. ऐसी स्थिति में शेयर बाजार आपके साथ महिषासुर की तरह बर्ताव करता है. यदि आप भी शेयर बाजार में बड़ा नुकसान झेल चुके हैं तो नीचे दिए टिप्स जरूर आपके काम आएंगे-

1. अपने ट्रेडिंग अकाउंट से पैसा निकाल लीजिए
जब आपको दिखे कि शेयर बाजार में ट्रेडिंग से आपको काफी नुकसान हो रहा है तो सबसे पहले अपने ट्रेडिंग अकाउंट में रखे पैसे को बैंक में ट्रांसफर कर लें. ऐसा करने से आप ट्रेडिंग नहीं करेंगे. यदि पैसा अकाउंट में रहा तो आप ट्रेडिंग की लत से छुटकारा नहीं पा सकेंगे. मतलब आपको बाजार से लड़ाई रोकनी होगी.

2. अपनी हार स्वीकार कीजिए
हार को स्वीकार करना मतलब जीत की तरफ पहला कदम बढ़ाना है. देवताओं ने भी महिषासुर के हाथों हारने के बाद हार स्वीकारी और त्रिदेव की शरण में गए. यदि आप हारे हैं तो आपको भी हार स्वीकार करनी होगी. इसके बाद थोड़ा आराम करें. नुकसान से हुई मानसिक थकान को हटने दें.

3. हार के कारणों को जानने की कोशिश कीजिए
शेयर बाजार में केवल आपका ही नुकसान नहीं होता है, बहुत सारे लोग अपनी पूंजी खो बैठते हैं. यदि आपको लॉस हुआ है तो उस लॉस के कारणों को जानने-समझने का प्रयास करें. संभवत: इसमें सबसे बड़ा कारण जो सामने आएगा, वह होगा ज्ञान की कमी.

4. फूल-प्रूफ प्लान के साथ आगे बढ़ें
अब आपको ऐसा प्लान बनाना है, जिससे कि आप बाजार में जीत पाएं. तो सबसे पहले अपनी कमी को दूर करना चाहिए और कमी है नॉलेज न होना. नॉलेज पाने के लिए आपको किसी एक्सपर्ट से मिलना होगा. जरूरत है तो किताबों में गहराई से उतरना होगा. निवेश और ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकारों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी होगी. देवता भी हार के बाद त्रिदेवों के पास गए थे.

5. अपनी पूरी पावर का इस्तेमाल करें
मां कात्यायनी की कथा कहती है कि त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के मुख से ऊर्जा निकली और अन्य देवताओं के शरीर की ऊर्जा से मिल गई. 10 दिशाओं में ये ऊर्जा फैली और मां कात्यायनी का अवतरण हुआ. इसे यूं समझिए कि आपको अपने गुरु (जिससे आप सीख रहे हैं) और अपनी पावर को पहचानकर पूरी तरह उसी पर काम करना है. जब आप अपनी क्षमता को पहचानेंगे तो ऐसी शक्ति विकसित कर पाने में जरूर कामयाब होंगे, जो शेयर बाजार में आपकी जीत सुनिश्चित कराएगी.

6. जोखिम को आक्रामकता से मैनेज करें
शेयर बाजार में ट्रेडिंग एक ऐसी विधा है, जिसमें लोग अपने रिस्क को अच्छे से मैनेज नहीं कर पाते. कुछ पाने के लिए कुछ खोने का जोखिम होता ही है. तो आपको अपना जोखिम तय करना है और अपनी पूंजी को बचाकर रखने की पूरी कोशिश करनी है. उदाहरण के लिए, यदि आप 10 रुपये पाने के लिए 2 या 3 रुपये का जोखिम लेते हैं तो लॉस को 2 या 3 रुपये से अधिक न जाने दें. जैसे ही लॉस आपके जोखिम लेने की क्षमता को पार करे, उसे तुरंत वहीं रोक दें. मतलब लॉस बुक करें और फिर से अपनी पावर का एनालिसिस करें.

Note – कल नवरात्रि का 7वां दिन है और इस दिन मां कालरात्रि की आराधना होती है. कल हम आपके लिए मां कालरात्रि की कथा के माध्यम से निवेश के कुछ मंत्र शेयर करेंगे.

(Disclaimer: शेयर बाजार में ट्रेडिंग में नुकसान की काफी अधिक संभावनाएं रहती हैं. ट्रेडिंग से पहले गहन अध्ययन की आवश्यकता होती है. यदि आप ट्रेडिंग करते हैं तो किसी सर्टिफाइड इनवेस्‍टमेंट एडवायजर से परामर्श जरूर करें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)