भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक युद्धपोत INS Vikrant नौसेना में शामिल हो गया है. मोदी ने 3 सबसे बड़ी बातें कही है. पहली बात जो सुरक्षा को लेकर कही गई है प्रधानमंत्री ने INS विक्रांत भारत सरकार के डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिशों का उदाहरण है. आज भारत उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपनी तकनीक से ऐसे बड़े जहाज बना सकते हैं.
दूसरी बात भारतीय नौसेना पर कही कि आज का नया ध्वज भी मिला है. इसमें अंग्रेजों के सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज के राजचिन्ह को शामिल किया गया है. नौसेना के पास एक ऐसा युद्धपोत है, जो अपने आप में एक तैरता एयरफील्ड और शहर है. इस पर बनने वाली बिजली से 5 हजार घर रोशन हो सकते है.
तीसरी बड़ी बात जो प्रधानमंत्री द्वारा कही गई है कि भारतीयों के लिए गर्व की बात का मौका है. ये भारत की प्रतिभा का उदाहरण है. विक्रांत विशाल है, ये खास है, ये गौरवमयी है. ये 21वीं सदी के भारत के कठिन परिश्रम, कौशल और कर्मकठ का सबूत है. आज INS विक्रांत भारतीयों को नए भरोसे से भर दिया है.
इंडियन नेवी को शुक्रवार बार यानि आज नया नौसेना ध्वज निशान मिला. इसमें पहले लाल क्रॉस का निशान होता था. इसे हटा दिया गया है. अब बाई ओर तिरंगा और दाईं ओर अशोक चक्र का चिन्ह है. इसके नीचे लिखा है- शं नो वरुण हमारे लिए शुभ हों. मोदी ने कहा है कि नौसेना नया ध्वज छत्रपति वीर शिवाजी महाराज को समर्पित करता हूं. अब तक नौसेना के झंडे पर गुलामी की तस्वीरे थी. इस तस्वीर को हटा दिया है. शिवाजी की समुद्र ताकत से दुश्मन कांपते थे.