Needy Raman becomes helpful… helping in the treatment of poor daughters with the amount received from charity

 रमन कुमार…5 जनवरी 2023 तक खुद को असहाय महसूस कर रहा था। 7 साल की बहन के उपचार को एक रुपया भी नहीं था। रमन को ऐसा लगता था, दसवीं व बारहवीं की परीक्षा में 90 व 89 प्रतिशत अंक लेना आसान था, लेकिन जीवन का इम्तिहान आसान नहीं था।

एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) ने गरीब रमन की मदद के लिए हाथ बढ़ाए। फिर क्या था, 72 घंटे के भीतर ही पाठकों व सोशल मीडिया के यूजर्स (users) ने बूंद-बूंद से रमन का घड़ा इतना भर दिया कि रमन की प्यास तो बुझ ही गई, अब वो उस फिल्मी डायलाॅग (Film Dialogue) को सार्थक कर रहा है, जिसका मूल अभिप्राय ये था कि आपको मदद मिल जाए तो किसी और जरूरतमंद की मदद जरूर करना।

तेजस्विनी व नेपाली बेटी की मदद को राशि देता रमन।

दरअसल, रमन को सात साल की बहन के उपचार के लिए 5 से 7 लाख की आवश्यकता थी। क्राउडफंडिंग (Crowdfunding) से 10 लाख तक की राशि जुट गई। तुरंत ही रमन ने दानियों से राशि न भेजने की अपील भी की थी। हालांकि, धीरे-धीरे फंडिंग रुक गई, लेकिन रमन लगातार यही सोचता रहा कि अतिरिक्त फंड का इस्तेमाल कैसे होना चाहिए।

मन में विचार कौंधा, क्यों न अन्य जरूरतमंदों की मदद की जाए। नाहन विकास खंड की क्यारी पंचायत की 10 साल की तेजस्विनी से मिलने पीजीआई चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) पहुंचा। तेजस्विनी की लंबी उम्र की कामना तो की ही, साथ ही परिवार की 20 हजार रुपए देकर आर्थिक मदद भी की। इसके बाद रमन को पता चला कि नाहन में नेपाली मूल के दिहाड़ीदार भी एक बच्ची जमुना कुमारी के उपचार के लिए धन जुटा रहे हैं।

फौरन ही रमन ने धन जुटा रहे प्रेम को संपर्क किया। 5 हजार रुपए की राशि जमुना के इलाज के लिए नेपाल भेजने की व्यवस्था की। इसके अलावा पीजीआई में भी दो हजार की राशि भेंट की है। रमन को पता चला है कि नाहन कॉलेज की एक छात्रा को भी मदद की दरकार है। छात्रा की भी रमन मदद करना चाहता है। उल्लेखनीय है कि रमन व जरूरतमंदों के लिए बीच एमबीएम न्यूज नेटवर्क भी एक सेतु की भूमिका निभा रहा है।

ये हैं वो बेटियां, जिनको मिला रमन जैसा भाई।

आपको बता दें कि रमन की सोच ये भी थी कि मदद के दौरान तस्वीर क्लिक नहीं की जानी चाहिए, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने रमन को इस बात के लिए तैयार किया कि तस्वीर क्लिक की जानी चाहिए, ताकि ऐसे अनोखे सामाजिक कार्य का संदेश उन लोगों तक अवश्य ही पहुंचना चाहिए, जिन्होंने रमन की बहन के उपचार के लिए मात्र 72 घंटे से कम समय में 10 लाख की राशि का दान दिया था।

उधर, ट्रांसगिरि की कांटीमश्वा पंचायत के रहने वाले रमन कुमार का कहना था कि दान में मिली राशि का सदुपयोग करने का प्रयास है। वो उन लोगों को तो राशि लौटाने की स्थिति में नहीं है,

जिन्होंने मदद के लिए उसे ये भेजी है, लेकिन वो जरूरतमंदों की मदद के लिए अवश्य ही आगे आ रहा है। रमन ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में छोटी बहन की स्थिति ठीक नहीं रही। वो भी अस्वस्थ हो गया था, लेकिन उन लोगों की दुआएं लगातार काम आ रही हैं, जिन्होंने खाते में मदद राशि ट्रांसफर करते हुए की थी।