Nepal China Road Deal : चीनी कॉन्ट्रैक्टर ने नवंबर 2019 में औपचारिक रूप से क्षेत्र में काम शुरू कर दिया था। लेकिन उसी साल के आखिर में शुरू हुई कोविड-19 महामारी ने काम ठप कर दिया। रमेश कुमार ने कहा कि अब स्थिति समान होने के बाद भी चीनी कॉन्ट्रैक्टर बेहद धीमी रफ्तार से काम कर रहा है जो समय पर प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
काठमांडू : नेपाल में कई चीनी परियोजनाएं कछुए की रफ्तार से बढ़ रही हैं या ठप पड़ी हैं, फिर चाहें वह बीआरआई के प्रोजेक्ट्स हों या कोई मामूली सड़क निर्माण। नेपाल में इस वक्त लंबी सड़क यात्रा लोगों के लिए बेहद असुविधाजनक और खतरनाक साबित हो रही है। इसकी वजह हैं नेपाल की खस्ताहाल सड़कें जिन पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। नेपाल की सड़क समस्या की मुख्य जड़ है चीन की एक कंपनी के साथ हुआ कॉन्ट्रैक्ट जो समय पर काम खत्म नहीं कर पा रही है। नेपाल के सड़क विभाग के मुताबिक चाइना स्टेट कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ दो लेन की सड़क को छह लेन तक चौड़ा करने का कॉन्ट्रैक्ट किया गया था।
काठमांडू पोस्ट से बात करते हुए नारायणघाट-बुटवल रोड परियोजना (पूर्वी क्षेत्र) के प्रमुख रमेश कुमार कहा कि चीन के कॉन्ट्रैक्टर्स अपने कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार समय पर मरम्मत और रखरखाव का काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए सड़क गड्ढों से भरी है जो न सिर्फ यात्रा में देरी का कारण बनते हैं बल्कि इनसे सड़क हादसे भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब नारायणघाट से बुटवल जाने में पांच से छह घंटे लगते हैं जहां पहले सिर्फ दो से ढाई घंटे लगते थे।
2019 में शुरू हुआ था सड़क चौड़ीकरण का प्रोजेक्ट
रिपोर्ट के अनुसार इस प्रोजेक्ट में दो पैकेज शामिल हैं, पूर्व में दौने-गैंडाकोट सेक्शन और पश्चिम में दौने-बुटवल सेक्शन। दोनों पैकेज चाइना स्टेट कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड को दिए गए थे। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के कार्यकाल में 2019 की शुरुआत में सड़क के चौड़ीकरण की आधारशिला रखी गई थी जिसके बाद फरवरी में चीनी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया।
बढ़ानी पड़ी प्रोजेक्ट की समयसीमा
चीनी कॉन्ट्रैक्टर ने नवंबर 2019 में औपचारिक रूप से क्षेत्र में काम शुरू कर दिया था। लेकिन उसी साल के आखिर में शुरू हुई कोविड-19 महामारी ने काम ठप कर दिया। रमेश कुमार ने कहा कि अब स्थिति समान होने के बाद भी चीनी कॉन्ट्रैक्टर बेहद धीमी रफ्तार से काम कर रहा है जो समय पर प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। प्रोजेक्ट को पूरा करने की समयसीमा 7 अगस्त को पहले ही पूरी हो चुकी है लेकिन प्रोजेक्ट ऑफिस ने इसे 386 दिन बढ़ाने का फैसला लिया है।