China Global Security Initiative Nepal: नेपाल में एक बार फिर से चीन को लेकर तनाव बढ़ गया है। नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के विरोध के बाद भी चीन के नाटो कहे जाने वाले ‘ग्लोबल सिक्यॉरिटी इनिशिएटिव’ (GSI) को संबोधित करने जा रही हैं। नेपाल अब तक किसी भी सुरक्षा गुट से दूर रहा है।
काठमांडू: नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी देश के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और विदेश मंत्रालय के कड़े विरोध के बाद भी चीन के ‘एशियाई नाटो’ कहे जाने वाले ‘ग्लोबल सिक्यॉरिटी इनिशिएटिव’ (GSI) को आज संबोधित करेंगी। इस कार्यक्रम का आयोजन चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने किया है और नेपाली राष्ट्रपति इसमें ऑनलाइन हिस्सा लेंगी। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और चीन के इशारे पर नाचने वाले केपी शर्मा ओली की करीबी हैं।
नेपाली अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक नेपाल ने अभी तक चीन के जीएसआई को मंजूरी नहीं दी है, जबकि ड्रैगन की ओर से इसको लेकर लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एशिया में नाटो और क्वाड से निपटने के लिए बोआओ फोरम में जीएसआई का ऐलान किया था। दरअसल, नेपाल की आधिकारिक नीति भारत की तरह से ही गुटनिरपेक्षता की रही है और उसने अभी तक किसी भी सुरक्षा गठबंधन या पहल में हिस्सा नहीं लिया है।
नेपाली प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी
इससे पहले जुलाई महीने में नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खडका ने संसद को बताया था कि नेपाल अमेरिका के नेतृत्व वाले स्टेट पार्टनरशिप प्रोग्राम में हिस्सा नहीं लेगा। उन्होंने इसके सैन्य पहलू पर आपत्ति जताई थी। इस बीच हाल ही में नेपाल में चीन के दूतावास ने विदेश मंत्रालय को एक पत्र लिखकर करके कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का अंतरराष्ट्रीय विभाग जीएसआई का एक कार्यक्रम बुधवार को आयोजित कर रहा है।
पीएम देउबा के विदेशी मामलों के सलाहकार अरुण सुबेदी ने काठमांडू पोस्ट से कहा कि नेपाली प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने पहले ही नेपाली राष्ट्रपति को इस विवादित कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने की सलाह दी है। नेपाल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस बारे में राष्ट्रपति कार्यालय को सूचित कर दिया है। इसके बाद भी नेपाली राष्ट्रपति चीन के इस कार्यक्रम में एक संक्षिप्त भाषण देने पर अड़ी हुई हैं। पीएम ऑफिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय का यह एक अपरिपक्व कदम यह है कि राष्ट्रपति के कार्यक्रम को पहले मंजूरी दी गई लेकिन बाद में देउबा के आशंका जताए जाने के बाद कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर उसने आपत्ति जता दी।’
दुनिया में नए कोल्ड वार को भड़का सकता है जीएसआई
चीनी अधिकारियों ने अब तक तीन बार इस बात पर जोर दिया है कि नेपाल बीजिंग के ग्लोबल सिक्यॉरिटी इनिशिएटिव को अपना समर्थन देता है लेकिन काठमांडू ने अभी तक ड्रैगन के इस दावे की पुष्टि नहीं की है। इस बीच सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि नेपाल को बहुत ही सतर्कता के साथ किसी देश या ब्लॉक की ओर से शुरू किए गए सुरक्षा, सैन्य और रणनीतिक पहल का अध्ययन करना चाहिए। साथ ही नेपाल को भू राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा का गढ़ बनाने से बचाना चाहिए। इस बीच विश्लेषकों का कहना है कि चीन का यह जीएसआई दुनिया में नए कोल्ड वार को भड़का सकता है।