लोकनायक जयप्रकाश नारायण का गांव सिताब दियारा आगामी आज से 11 अक्टूबर तक राजनीतिक दलों के नेताओं से गुलजार रहने वाला है। 8 अक्टूबर यानी आज जेपी की पुण्यतिथि पर सिताब दियारा में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचेंगे। कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर सकते हैं। फिर 11 अक्टूबर जेपी जयंती के दिन सिताब दियारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पहुंचेंगे। सहकारिता विभाग के योजनाओं की शुरुआत भी करेंगे।
जेपी की जन्मभूमि पर अमित शाह तो कर्मभूमि पर नीतीश रहेंगे मौजूद
महज 20 दिन के अंदर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दूसरी बार बिहार आगमन हो रहा है। पिछले महीने यानी 23-24 सितंबर को अमित शाह सीमांचल के दौरे पर थे। अब 11 अक्टूबर यानी जेपी जयंती के मौके पर उनके जन्मस्थली पर श्रद्धांजलि देने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सिताब दियारा पहुंच रहे हैं। यहां पर दो कार्यक्रमों में शामिल होंगे। माना जा रहा है कि जयंती के बहाने अमित शाह बिहार में खुद को जेपी का चेला बताने वाले लालू यादव और नीतीश कुमार पर करारा प्रहार करेंगे। क्योंकि जेपी की लड़ाई कांग्रेस के खिलाफ थी लेकिन लालू यादव और नीतीश कुमार उसी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं।
इधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 11 अक्टूबर को जेपी की कर्मभूमि नागालैंड में उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। ऐसा माना जाता है कि जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के आपातकाल के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन जरूर खड़ा किया था लेकिन उनकी कर्मभूमि नागालैंड रही हैं। जानकारों के मुताबिक जब नागालैंड में अशांति फैली थी, तब लोकनायक वहां तीन साल रहने के बाद सीजफायर कराकर शांति का वातावरण तैयार किया था। इसके लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने 6 महीने तक नागालैंड के गांवों का दौरा भी किया था। इसलिए बिहार के सारण जिला के सिताब दियारा को उनकी जन्मस्थली और नागालैंड को कर्मस्थली भी कहा जाता है।
जेपी के बहाने सियासत में पकड़ मजबूत करना मकसद
बिहार में सत्ता से बाहर होने के बाद बीजेपी के सामने आगामी चुनाव में कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, बिहार में विधानसभा के चुनाव 2025 में होने हैं लेकिन इसके पहले 2024 में लोकसभा चुनाव है। यहां शुरू से ही गठबंधन की राजनीति करती रही बीजेपी इस बार बगैर जनता दल यूनाइटेड के चुनावी अखाड़े में उतरने वाली है। बीजेपी के सामने दिक्कत ये है कि शुरू से ही गठबंधन की राजनीति की वजह से बिहार में कई जिले ऐसे हैं, जहां बीजेपी की पकड़ मजबूत नहीं है। उन जिलों के लोकसभा और विधानसभा सीटों पर जनता दल यूनाइटेड चुनाव लड़ा करती थी। बीजेपी का पूरा फोकस इस बार वैसी ही सीटों पर रहने वाला है, जहां जेडीयू की पकड़ मजबूत है। यही वजह है कि गठबंधन टूटने के बाद पहली बार बिहार पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना दौरा जेडीयू और आरजेडी के गढ़ वाले सीमांचल के इलाके में किया था।
दूसरी तरफ 11 अक्टूबर को ही नीतीश कुमार जेपी की कर्मभूमि कहे जाने वाले नागालैंड के दौरे पर रहेंगे। उनका मकसद जेपी को श्रद्धांजलि देना ही नहीं बल्कि चुनावी हित साधना भी है। दरअसल, अगले साल यानी 2023 में नागालैंड में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। पिछले चुनाव में जनता दल यूनाइटेड का नागालैंड में बेहतर प्रदर्शन रहा था। 2018 विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने यहां एक सीट पर जीत का पताका फहराया था लेकिन, जेडीयू के उस विधायक ने पाला बदल लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में जेडीयू का लगभग सफाया हो चुका है। दोनों राज्यों के जेडीयू विधायक नीतीश कुमार का साथ छोड़ बीजेपी का दामन थाम चुके हैं। इन दोनों राज्यों में हुए पार्टी टूट के बाद नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का नॉर्थ-ईस्ट में ये पहला दौरा होगा।
सिताब दियारा आने से पहले नीतीश कुमार ने की योजनाओं की बरसात
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 8 अक्टूबर यानी आज जेपी की पुण्यतिथि के मौके पर सिताबदियारा पहुंचेंगे। इसके पहले शुक्रवार यानी 7 अक्टूबर को सीएम नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लोकनायक जय प्रकाश नारायण के गांव सिताब दियारा में कई विकास कार्यों का लोकार्पण किया। जिनमें लोकनायक जयप्रकाश स्मृति भवन-सह-पुस्तकालय, सिताब दियारा से मुख्य पथ तक नवनिर्मित पथ का लोकार्पण करने के साथ सीएम ने यहां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की घोषणा भी की। इस स्वास्थ्य केंद्र का नाम प्रभावति देवी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होगा।
देशव्यापी योजना की शुरुआत के साथ नई तस्वीर पेश करेंगे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 11 अक्टूबर को फिर बिहार पहुंच रहे हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर अमित शाह उनकी जन्मस्थली सारण जिला के सिताब दियारा जाएंगे और वहां जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए नए भारत की तस्वीर पेश करेंगे। अमित शाह सारण जिले में आयोजित दो कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। वो केंद्रीय सहकारिता मंत्री के तौर पर सहकारिता से जुड़े सारण और आसपास के कई जिलों से पहुंचे किसानों को न सिर्फ संबोधित करेंगे बल्कि जेपी जयंती के मौके पर ही सहकारिता विभाग के नए देशव्यापी स्कीम को भी लॉन्च करेंगे।
… तो अब हर महीने बिहार आएंगे अमित शाह!
पिछले महीने यानी 23 और 24 सितंबर को दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूर्णिया और किशनगंज में जनसभा को संबोधित किया था। सीमांचल के इलाके में पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री ने सभा में पहुंचे लोगों से यह कहा था कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बैठी है। कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री को यह बताया गया था कि सीमांचल का डेमोग्राफी काफी तेजी से बदल रही है, जिसकी वजह से हिंदुओं को ऊपर खतरा मंडराने लगा है। इसके बाद अमित शाह ने कार्यकर्ताओं को कहा था कि वह हर महीने बिहार आएंगे और अगर जरूरत पड़ी तो महीने में दो बार भी बिहार दौरा कर सकते हैं। अब 24 सितंबर के बाद 11 अक्टूबर यानी 20 दिन के भीतर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ये दूसरा बिहार दौरा है।