स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मस्तिष्क में रक्त के संचार में कमी कई कारणों जैसे आयरन की कमी, क्रोनिक बीमारी, इंफ्लामेशन या चोट के कारण हो सकती है। योग के माध्यम से न सिर्फ मस्तिष्क में रक्त के संचार को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही न्यूरोलॉजिकल विकारों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
आइए जानते हैं कि इसके लिए किन योगासनों के अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ कारगर मानते हैं। सभी उम्र के लोगों को दिनचर्या में इन योगाभ्यासों को जरूर शामिल करना चाहिए।
शीर्षासन योग रक्त संचार, विशेषतौर पर मस्तिष्क में रक्त के संचार को बढ़ाने में आपके लिए सहायक है। शीर्षासन योग से तनाव दूर रहता है और कई प्रकार के न्यूरोलॉजिकल विकारों का जोखिम भी कम होता है। सिर और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने वाले इस योग के अभ्यास से मस्तिष्क की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं और हार्मोन्स का स्राव बेहतर ढंग से होता रहता है। पैरों और घटनों में द्रव निर्माण को कम करने में भी इस योग के लाभ है। विशेषज्ञ की निगरानी में ही इस योग का अभ्यास किया जाना चाहिए।
मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को ठीक रखने के लिए अधोमुख शवासन भी कारगर योगाभ्यास है। अध्ययनों में पाया गया है कि मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और तंत्रिकाओं से संबंधित विकारों के जोखिम को कम करने में भी इस योग के लाभ हो सकते हैं। नियमित रूप से इस योग को करने वालों में न्यूरोलॉजिकल विकारों के विकसित होने का खतरा भी कम होता है। यह योगासन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने, पीठ के निचले हिस्से में दर्द को कम करने और तनाव-चिंता को दूर करने में भी आपके लिए मददगार हो सकता है।