सिर में रक्त संचार कम होने से हो सकते हैं न्यूरोलॉजिकल विकार, इन योगासनों से बढ़ाएं ब्लड सर्कुलेशन

सिर में रक्त का संचार कैसे बढ़ाएं

शरीर के अंगों को बेहतर तरीके से काम करते रहने के लिए निरंतर ऑक्सीजन युक्त रक्त की आवश्यकता होती है। हालांकि कुछ प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण शरीर के ऊपरी हिस्से, विशेषकर सिर में रक्त संचार की कमी हो सकती है। यह स्थिति न सिर्फ सिर, बल्कि संपूर्ण शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण मानी जाती है। मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह कम होने की स्थिति में मस्तिष्क की कोशिकाओं को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं जिनकी कार्यक्षमता कमजोर हो सकती है। लंबे समय तक बनी रहने वाली इस तरह की दिक्कत के कारण कोशिकाओं को क्षति होने के साथ न्यूरोलॉजिकल समस्याओं और यहां तक कि स्ट्रोक भी हो सकता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मस्तिष्क में रक्त के संचार में कमी कई कारणों जैसे आयरन की कमी, क्रोनिक बीमारी, इंफ्लामेशन या चोट के कारण हो सकती है। योग के माध्यम से न सिर्फ मस्तिष्क में रक्त के संचार को बढ़ाया जा सकता है, साथ ही न्यूरोलॉजिकल विकारों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।

आइए जानते हैं कि इसके लिए किन योगासनों के अभ्यास को स्वास्थ्य विशेषज्ञ कारगर मानते हैं। सभी उम्र के लोगों को दिनचर्या में इन योगाभ्यासों को जरूर शामिल करना चाहिए।

शीर्षासन योग से मस्तिष्क को मिलता है लाभ
शीर्षासन योग का करें अभ्यास

शीर्षासन योग रक्त संचार, विशेषतौर पर मस्तिष्क में रक्त के संचार को बढ़ाने में आपके लिए सहायक है। शीर्षासन योग से तनाव दूर रहता है और कई प्रकार के न्यूरोलॉजिकल विकारों का जोखिम भी कम होता है। सिर और मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाने वाले इस योग के अभ्यास से मस्तिष्क की कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं और हार्मोन्स का स्राव बेहतर ढंग से होता रहता है। पैरों और घटनों में द्रव निर्माण को कम करने में भी इस योग के लाभ है। विशेषज्ञ की निगरानी में ही इस योग का अभ्यास किया जाना चाहिए।

अधोमुख शवासन योग से बेहतर होता है रक्त संचार
अधोमुख शवासन के लाभ

मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को ठीक रखने के लिए अधोमुख शवासन भी कारगर योगाभ्यास है। अध्ययनों में पाया गया है कि मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और तंत्रिकाओं से संबंधित विकारों के जोखिम को कम करने में भी इस योग के लाभ हो सकते हैं। नियमित रूप से इस योग को करने वालों में न्यूरोलॉजिकल विकारों के विकसित होने का खतरा भी कम होता है। यह योगासन पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने, पीठ के निचले हिस्से में दर्द को कम करने और तनाव-चिंता को दूर करने में भी आपके लिए मददगार हो सकता है।

बालासन योग से शरीर को होने वाले लाभ

बालासन योग के हैं कई लाभ

बालासन योग का अभ्यास आसान और काफी प्रभावी माना जाता है। यह सिर में रक्त के संचार को ठीक रखने के साथ तंत्रिकाओं की सेहत के लिए भी लाभकारी माना जाता है। पीठ और रीढ़ को आराम देने के साथ नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी इस योग  को दिनचर्या में शामिल किया जा सकता है। यह आपके कंधों और हाथों पर से अतिरिक्त तनाव को कम करने और पाचन अंगों की सेहत को भी बेहतर रखने में सहायक है। नियमित रूप से इसके अभ्यास की आदत बनाकर कई तरह के लाभ पाए जा सकते हैं।

नोट: यह लेख योग विशेषज्ञों के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी योगगुरु से संपर्क कर सकते हैं।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।