कुत्ते और इंसान के बीच गहरा रिश्ता होता है. इन बेजुबान जानवरों का कोई घर नहीं होता. लेकिन, इस दुनिया में कई ऐसे दरियादिल इंसान हैं जो उन बेजुबान कुत्तों का पेट भरते हैं. उनका ख्याल रखते हैं. उन्हीं में एक नाम है 90 वर्षीय दादी कनक का, जो रोजाना सुबह साढ़े चार बजे उठकर सैकड़ों आवारा कुत्तों के लिए खाना पकाती हैं और उनका ध्यान रखती हैं.
ख़ुद बीमार थी फिर भी ख्याल रखा
बता दें कि दादी कनक उनके लिए रोज़ अलग-अलग तरह का खाना बनाती हैं. दादी की कहानी उनकी पोती ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म इंस्टाग्राम पर शेयर की. सना ने जानकारी देते हुए बताया कि उनकी दादी के कई मेजर ऑपरेशन हो चुके हैं. कई बार डॉक्टर्स ने उन्हें बेडरेस्ट पर भेज दिया, लेकिन वो अपने कुत्ते के लिए हर तरह की मुश्किलों से लड़ीं. वो सुबह साढ़े चार बजे उठकर खाना बनाती हैं.
“मैं बनाऊं और ये खाएं, इसी में मेरी खुशी है”
सना ने यह भी बताया कि उनकी दादी का मानना है कि आज उनकी उम्र इतनी लंबी हुई है. इसकी वजह ये बेजुबान डॉग्स हैं. वो इनकी सेवा करने पर उन्हें दुआएं देते हैं. दिलचस्प यह है कि पहले दादी को कुत्तों से जरा सा भी लगाव नहीं था. जब उनकी पोती ने एक कुत्ते को पालने के लिए अपने घर पर लेकर आईं. उन्हें धीरे-धीरे कोको से प्यार हो गया. वो पिछले दो-ढाई साल से सैकड़ों आवारा रोजाना खाना खिला रही हैं.
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आज दादी कनक के साथ उनकी पोती सना भी NGO Paws in Puddle चलाती हैं, जिसके तहत आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से लेकर उनका इलाज तक कराया जाता है. उन्होंने उनके लिए एक शेल्टर भी खोला है. यहां आवारा कुत्तों को रहने के लिए जगह दी जाती है. आज 90 वर्षीय बुजुर्ग का बेजुबान और बेसहारा जानवरों के लिए असीम प्यार दूसरों के लिए एक मिसाल है.