New Cabinet in Himachal: Who will get ministerial post from Kangra, who all are in demand?

धर्मशाला. कहते हैं हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने के लिए सत्ता की राह कांगड़ा से होकर निकलती है. बीते 3 दशकों में यह बात सही भी साबित हुई है. 2022 के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी इस बात को सच साबित करते हैं. कांगड़ा जिले की 15 विधानसभा सीटों में से 10 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है. यहां से 1 विधायक निर्दलीय जीता और 4 पर भाजपा ने बाजी मारी. 11 दिसंबर 2022 को अब हिमाचल में सरकार का गठन हो चुका है और सुखविंदर सिंह सुक्खू सूबे के नए मुखिया बने हैं.

उनके अलावा, मुकेश अग्निहोत्री ने डिप्टी सीएम के पद की शपथ ली. सीएम पद पर खींचतान के बाद अब कांग्रेस पार्टी औऱ हाईकमान के लिए कैबिनेट का खाखा खींचना बड़ी चुनौती है. क्योंकि कांगड़ा और शिमला जिले से कैबिनेट मंत्री के लिए काफी ज्यादा तलबगार हैं. अहम बात है कि कांगड़ा ने कांग्रेस की जीत में बड़ी भूमिका निभाई है.

कौन कौन हैं रेस में
कैबिनेट रेस में सबसे पहला नाम ज्वाली से जीते विधायक चंद्र कुमार का है. वह छठी बार विधायक बने हैं. इसके अलावा, एक बार सांसद भी रहे हैं. और तो और..सीएम पद की रेस में उनका नाम भी शामिल था. ऐसे में उन्हें कैबिनेट में कांग्रेस को शामिल करना पड़ेगा. फतेहपुर विधानसभा सीट से भवानी पठानिया दूसरी बार विधायक बने हैं. उनके दिवंगत पिता सुजान सिंह पठानिया वीरभद्र सरकार में मंत्री रहे थे. उपचुनाव और आम चुनाव जीतने के बाद अब भवानी सिंह अपने पिता सुजान सिंह पठानिया की विरासत को बखूबी सम्भालने में सक्षम साबित हुए हैं.

सुधीर शर्मा का दावा मजबूत
कांग्रेस के नेता सुधीर शर्मा धर्मशाला से 5वीं बार विधायक जीते हैं. सुधीर शर्मा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव हैं. हाईकमान से उनके अच्छे संबंध हैं. तेज तर्रार और युवा नेता हैं. धर्मशाला को दूसरी राजधानी स्मार्ट सिटी बनाने का सीधा-सीधा क्रेडिट उन्हीं को दिया जाता है. बड़ी बात है कि वह 2022 में वीरभद्र सरकार में मंत्री भी रहे थे. पालमपुर विधानसभा से आशीष बुटेल वृज बिहारी लाल बुटेल के बेटे हैं. मौजूदा समय में दूसरी बार विधायक बने हैं. इसके अलावा, जयसिंहपुर से यादवेंद्र गोमा, बैजनाथ से किशोरी लाल और संजय रत्न जवालामुखी से दो बार विधायक बने. नगरोटा से पूर्व दिवगंत मंत्री जीएस बाली के बेटे पहली बार चुनाव लड़े और साढ़े 15 हज़ार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की हालांकि, उनका दावा कमजौर हैं क्योंकि वह पहली बार विधायक बने हैं.

बीते सरकार में कांगड़ा से थे तीन मंत्री
बीती जयराम सरकार में कांगड़ा से तीन मंत्री बनाए गए थे. इनमें राकेश पठानिया, विक्रम सिंह और सरवीण चौधरी शामिल थी. हालांकि, इन तीन मंत्रियों में से राकेश पठानिया और सरवीण चौधरी चुनाव हार गई हैं.