New instructions given by the state government for fees to private schools hang on the future of children

प्रदेश सरकार द्वारा निजी स्कूलों को फीस के लिए दिए गए नए निर्देशों से बच्चों के भविष्य पर लटकी तलवार

बद्दी हाउसिंग बोर्ड फेस वन  व पीर स्थान स्थित एक निजी स्कूल के अभिभावक बच्चों को स्कूल से हटाने पर एसडीएम महेंद्र पाल गुर्जर से मिले। अभिभावकों का कहना है कि वह हर माह नियमित रूप से ट्यूशन फीस जमा करा रहे है लेकिन स्कूल प्रबंधन वार्षिक फीस साढ़े छह हजार रुपये जमा कराने की मागं को लेेकर अड़ा है। अभिभावकों ने कहा कि कोरोना संकट के चलते उनके बच्चे घर पर ही है। पहले जहां 9 घंटे  पढ़ाई होती थी, वह अब दो घंट हो रही है वह भी किसी एक दो विषय पर ही। सरकार का कहना है कि अभिभावक केवल ट्यूशन फीस ही दे लेकिन स्कूल प्रबंधन पूरी फीस मांग रहा है। जो अभिभावक देने को तैयार नहीं है उनके बच्चे ग्रूप से हटा दिए है। उनकी अब आन लाइन पढ़ाई नहीं हो रही है।
अभिभावकों ने बताया कि अधिकांश लोगों के रोजगार छूट गए है। स्कूल प्रबंधन ऐसे में सहयोग करने की बजाए उल्टा उन पर खर्चे बढ़ा रहे है। कुछ बच्चों ने तो ऑनलाइन पढ़ाई के लिए लेपटाप खरीदे है कई बच्चों ने मंहगे फोन खरीदे है। हर माह रिचार्ज करने पड़ते है। स्कूल प्रबधन उनके बच्चों को हटाने की धमकी दे रहे है। ऐसे में वह कहां जाए। एसडीएम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि जल्द ही उपनिदेशक के साथ बातचीत करके इस समस्या का हल निकाला जाएगा।