पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दुनियाभर के देशों से मदद की अपील की है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान विकसित देशों के फैलाए प्रदूषण का शिकार हुआ है। उन्होंने वैश्विक नेताओँ को पाकिस्तान को लेकर जताई गई हमदर्दी के लिए धन्यवाद भी दिया। पाकिस्तान में भीषण बाढ़ के कारण 1700 लोगों की मौत हो चुकी है।
हाइलाइट्स
- शहबाज शरीफ का अमीर मुल्कों से मदद मांगने से साफ इनकार
- बाढ़ के कारण तबाही के कगार पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था
- शहबाज ने विकसित देशों को पाकिस्तान में आई बाढ़ का बताया जिम्मेदार
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों अवाम की मदद करने की जगह बयानबाजी में व्यस्त हैं। उन्होंने द गार्जियन को दिए इंटरव्यू में शहबाज शरीफ ने कहा कि वह प्रदूषण फैलाने वाले अमीर देशों के पास भीख का कटोरा लेकर नहीं जाएंगे। उन्होंने बताया कि बाढ़ ने पाकिस्तान के एक तिहाई हिस्से को प्रभावित किया है। ऐसे में पाकिस्तान को अमीर प्रदूषणकारी देशों में जाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। नवीनतम आंकड़ों और अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में भारी मानसून की बारिश और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण आई बाढ़ से 1700 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। बाढ़ के कारण लाखों लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर पनाह लेना पड़ा।
पाकिस्तान को बाढ़ से 30 बिलियन डॉलर का नुकसान
पाकिस्तान का अनुमान है कि भारी बारिश और बाढ़ के कारण देश को लगभग 30 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। पाकिस्तान सकरा और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने भीषण बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। गुरुवार को द गार्जियन में प्रकाशित एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जलवायु न्याय की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि विनाशकारी मानसूनी बारिश के बाद पाकिस्तान स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और आंतरिक विस्थापन के अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। शहबाज ने दावा किया कि वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में पाकिस्तान का योगदान मामूली है। ऐसे में यह विकसित देशों की जिम्मेदारी है, जो इस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं।
शहबाज बोले- ऐसी तबाही मैंने कभी नहीं देखी
शहबाज शरीफ ने कहा कि मैंने अपने जीवनकाल में इस तरह की तबाही, बाढ़ और हमारे लोगों की पीड़ा कभी नहीं देखी। लाखों लोग विस्थापित हुए हैं, वे अपने ही देश में जलवायु शरणार्थी बन गए हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय ने हमें धन देने और सहायता का वादा किया था, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। शहबाज ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण आई तबाही की भयावहता हमारे वित्तीय साधनों से परे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जरूरतों और जो उपलब्ध है, उनके बीच का अंतर बहुत बड़ा है और यह दिन-प्रतिदिन और चौड़ा होता जा रहा है।
शहबाज का अमीर मुल्कों से भीख मांगने से इनकार
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि वह पूरी दुनिया से जलवायु न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी को दोष नहीं दे रहे हैं, हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, हम जो कह रहे हैं उसे हमने नहीं बनाया लेकिन हम उसके शिकार बन गए हैं। क्या मुझे अपनी अपील को भीख को कटोरे में डालने के लिए कहना चाहिए? यह दोहरा खतरा है। यह अन्यायपूर्ण है, अनुचित है। वैश्विक नेताओं के समर्थन पर टिप्पणी करते हुए पीएम शहबाज ने कहा कि वह बहुत ही मार्मिक शब्दों और बयानों के लिए आभारी हैं। यह सब कुछ बहुत अच्छा है लेकिन इन बयानों का व्यावहारिक प्रदर्शन अधिक महत्वपूर्ण है।