जम्मू के रामगढ़ और आरएस पुरा में ड्रोन देखे जाने के बाद अलर्ट जारी किया गया है। सूत्रों के अनुसार बीते दिवस पाकिस्तान ने जानबूझ कर सांबा में सिर्फ ड्रोन को रेकी के लिए भेजा। हथियार आरएस पुरा में गिरा दिए गए थे, ताकि जांच कर रही पुलिस का ध्यान भटकाया जा सके।
पाकिस्तान से भेजे गए ड्रोन ने आरएस पुरा के बासपुर बंगला के पास 27 और 28 की रात यह हथियार फेंके थे, जबकि 29 की रात सांबा के रामगढ़ सेक्टर में ड्रोन देखे जाने की सूचना आई। इसे देखते हुए रविवार को सुबह 5 बजे पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया।
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने जानबूझ कर ऐसा किया। सांबा में सिर्फ ड्रोन को रेकी के लिए भेजा, जबकि हथियार आरएस पुरा में गिरा दिए गए थे, ताकि जांच कर रही पुलिस का ध्यान भटकाया जाए। बॉर्डर पर लगातार दो दिन ड्रोन गतिविधियां देखे जाने के बाद अलर्ट कर दिया गया है।
दरअसल, सर्दी में मौसम खराब रहता है। इस समय बॉर्डर पर धान की फसल का सीजन खत्म होने वाला है। इसका लाभ उठाकर आतंकी संगठन घुसपैठ करने और हथियारों को भेजने की साजिशें कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलरों ने ओजी वर्करों पर दबाव बनाया है कि वह अधिक से अधिक हथियार कश्मीर तक पहुंचाएं।
क्योंकि आगे कश्मीर में बर्फबारी होने वाली है। बर्फबारी के बीच कश्मीर में सीमा पार से हथियारों की तस्करी और घुसपैठ कम हो जाती है। इसलिए आतंकी संगठन चाहते हैं कि कश्मीर में मौजूद आतंकियों तक बर्फबारी से पहले अधिक से अधिक हथियार पहुंचाए जाएं।
इसलिए जम्मू के बॉर्डर पर आने वाले दिनों में ड्रोन के जरिए और अधिक हथियार गिराने की साजिशें हो सकती हैं। इसे देखते हुए बीएसएफ और पुलिस ने मिलकर सीमांत इलाकों में नजर रखने के लिए विशेष गश्त शुरू की है।
बीएसएफ की फायरिंग पर वापस चला गया था ड्रोन
आरएस पुरा में ड्रोन से हथियारों की खेप पहुंचाए जाने का पहला मामला प्रकाश में आया है। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि भारतीय क्षेत्र में ड्रोन से हथियार व ड्रग्स गिराए जाने की आशंका है। पाकिस्तान की ओर से ड्रोन से हथियारों की खेप फेंक कर वापस चले जाने पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। इस वर्ष जनवरी में पाकिस्तानी क्षेत्र से भारतीय मगराल के स्थान पर ड्रोन देखे जाने पर सीमा सुरक्षा बलों की ओर से फायरिंग करने के उपरांत वापस चला गया था।