अगला बजट ऐसा बनाया जाएगा जो विकास की गति को बरकरार रखे: निर्मला सीतारमण

 अगले बजट को लेकर कुछ खास बताना मुश्किल होगा क्योंकि अभी उसमें काफी वक्त है.

अगले बजट को लेकर कुछ खास बताना मुश्किल होगा क्योंकि अभी उसमें काफी वक्त है.

वाशिंगटन. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि भारत अपने अगले सालाना को बहुत सावधानी के साथ बनाएगा ताकि विकास की रफ्तार बनी रहे.  साथ ही यह मुद्रास्फीति की चिंताओं को भी दूर करेगा. वित्त मंत्री इस अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी के दौरे पर गई हैं. वहां सीतारमण प्रतिष्ठित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में प्रख्यात अर्थशास्त्री ईश्वर प्रसाद के साथ बातचीत में अगले साल के बजट पर एक सवाल का जवाब दे रही थीं.

अगले बजट को लेकर कुछ खास बताना मुश्किल होगा क्योंकि अभी उसमें काफी वक्त है. लेकन व्यापक तौर पर देखा जाए तो ग्रोथ सबसे शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक होगी. हालांकि हमारे सामने मुद्रास्फीति की भी चिंताएं हैं. इसलिए जब हम मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने की बात करते हैं तो ग्रोथ रेट के मैनेजमेंट का सवाल आना स्वभाविक है. भारत का अगला वार्षिक बजट अगले साल फरवरी में सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया जाना है. इसकी तैयारी दिसंबर में शुरू होने की संभावना है.

ग्रोथ को बनाए रखना प्राथमिकता

वित्त मंत्री ने कहा कि लेकिन यह सुनिश्चित करने की बात है कि आप दोनों को यानी विकास और मुद्रास्फीति को कैसे संतुलित करते हैं. यह सुनिश्चित करना होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को महामारी के बाद जो गति मिली है वह अगले साल भी बढ़े. कई संस्थान जो भारत को ऑब्जर्व कर रहे हैं उनके अनुमानों को इग्नोर नहीं कर सकते. इसलिए हमें काफी सतर्क होकर बजट बनाना होगा जो विकास की गति को बरकरार रखे.

वैश्विक तनाव का हम पर असर

वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वैश्विक तनाव भारत में ऊर्जा, उर्वरक या भोजन को प्रभावित करते हैं. यह सब हम सावधानीपूर्वक देख रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इसका तनाव लोगों पर न पड़े. इसलिए पिछले साल से पहले और इस साल जून की शुरुआत में हमने ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम किया ताकि आम नागरिक को ईंधन की बढ़ती कीमतों का खामियाजा न उठाना पड़े. यह एक तरीका है जिससे हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कमजोर वर्ग के लोग आहत न हों.