NGT: आम के पेड़ों की अवैध काट-छांट के मामले में मुख्य सचिव से जवाबतलब

दौलतपुर-गगरेट-गुगलेहड़ सड़क के किनारे लगभग 200 पेड़ों की अवैध काट-छांट की गई। लोक निर्माण विभाग ने सड़क की तरफ की टहनियों को बिना किसी अनुमति के काटा है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने ऊना में आम के पेड़ों की अवैध काट-छांट के मामले में मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। ट्रिब्यूनल ने प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग सहित मुख्य अरण्यपाल, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उपायुक्त ऊना को प्रतिवादी बनाया है। एनजीटी ने दो महीने के भीतर सभी प्रतिवादियों से जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई चार नवंबर को निर्धारित की गई है।

स्थानीय निवासी अविनाश विद्रोही ने पत्र पर एनजीटी ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस मामले की जांच के लिए न्यायिक सदस्य अरुण कुमार त्यागी और सदस्य अफरोज अहमद ने संयुक्त कमेटी का गठन किया था। संयुक्त कमेटी ने रिपोर्ट के माध्यम से ट्रिब्यूनल को बताया कि दौलतपुर-गगरेट-गुगलेहड़ सड़क के किनारे पेड़ों की काट-छांट बिना स्वीकृति से की गई है। काट-छांट करने वाले ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके सारे औजार जब्त किए गए हैं। 201 पेड़ों की 387 टहनियां अवैध तरीके से काटी गई है। इनमें अधिकतर पेड़ लोक निर्माण विभाग की भूमि पर हैं।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि दौलतपुर-गगरेट-गुगलेहड़ सड़क के किनारे लगभग 200 पेड़ों की अवैध काट-छांट की गई। लोक निर्माण विभाग ने सड़क की तरफ की टहनियों को बिना किसी अनुमति के काटा है। इससे पर्यावरण का नुकसान हो रहा है। विभाग ने पर्यावरण को बचाने के लिए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से समय-समय पर पारित आदेशों की अवहेलना भी की है। संयुक्त कमेटी की रिपोर्ट के बाद ट्रिब्यूनल ने पाया कि इस मामले में प्रदेश के मुख्य सचिव सहित वन विभाग और लोक निर्माण विभाग का जवाब जरूरी है।