राज्य खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष पुरूषोत्तम गुलेरिया ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाकर हम भावी पीढ़ियों को बेहतर भविष्य प्रदान कर सकते हैं। पुरूषोत्तम गुलेरिया आज सोलन विकास खण्ड की ग्राम पंचायत जौणाजी में एकीकृत जलागम प्रबन्धन कार्यक्रम परियोजना के तहत आयोजित प्राकृतिक खेती एवं पशु पालन प्रबन्धन जागरूकता अभियान एवं 15 दिवसीय मशीनी बुनाई प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
पुरूषोत्तम गुलेरिया ने कहा कि हिमाचल के पूर्व एवं गुजरात के वर्तमान राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने हिमाचल को ज़हर मुक्त खेती को जो राह दिखाई थी उसे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना इस दिशा में मील का पत्थर सिद्ध हो रही है। वर्तमान में प्रदेश के एक लाख से अधिक किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती के साथ-साथ प्रदेश सरकार भारतीय नस्ल के गौवंश को भी बढ़ावा दे रही है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी किसान-बागवान प्राकृतिक खेती अपनाएं और भारतीय नस्ल की गाय का पालन करें।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती रसायन मुक्त एवं ज़हर मुक्त खेती है। इसके माध्यम से किसानों की आय में आशातीत वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ के तहत सोलन ज़िला की सभी 240 ग्राम पंचायतों में 11063 किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। ज़िला में 9076 किसान लगभग 848 हैक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं।
खादी बोर्ड के उपाध्यक्ष ने आशा जताई कि मशीनी बुनाई प्रशिक्षण से महिलाओं की आय में आशातीत वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड स्वरोज़गार की विभिन्न योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
खण्ड विकास अधिकारी रमेश शर्मा ने कहा कि 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिन महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया है उनकी दक्षता में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाया गया।
इस अवसर पर बीडीसी सदस्य लक्ष्मी ठाकुर, जिला परिषद की पूर्व अध्यक्ष शीला, भाजपा मण्डल सोलन के अध्यक्ष मदन ठाकुर, ग्राम पंचायत जौणाजी की प्रधान जयवन्ती, पंचायत निरीक्षक राजेन्द्र वर्मा, सुरेश शर्मा उपस्थित थे।