महाराष्ट्र के नंदुरबार में एक पिता ने अपनी बेटी के शव को 44 दिनों तक नमक के गड्ढे में डालकर रखा था। पिता का आरोप था कि उसकी बेटी के साथ गैंगरेप कर उसे मार दिया गया है। पिता की मांग थी कि उसकी बेटी के शव का दूसरा पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए।
नंदुरबार: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नंदुरबार इलाके में गैंगरेप (Nandurbar Gangrape) मामले में नया ट्विस्ट आया है। इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे एक पिता ने अपनी बेटी के शव को 44 दिनों तक नमक के गड्ढे में सुरक्षित रखा था। ताकि उसकी बेटी को इंसाफ मिल सके। बता दें की कुछ महीने पहले पीड़िता को गैंगरेप के बाद मारकर पेड़ से लटका दिया गया था। हालांकि पुलिस (Maharashtra Police) द्वारा यह कहा गया था कि लड़की ने सुसाइड (Suicide) किया है। फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में अब शव की दोबारा ऑटोप्सी करवाने का आदेश दिया गया है। इस मामले में पीड़िता के परिजनों ने जब डॉक्टर से पूछताछ की तब उसने कहा था कि पुलिस की तरफ से यह दबाव था कि गैंगरेप की बात को न बताया जाए। पीड़िता के अंकल रुषा खड़कया के मुताबिक यह खबर प्रकाशित होने के बाद स्थनीय सांसद हिना गावित भी हरकत में आईं।
जिसके बाद नंदुरबार डीएसपी समेत दस पुलिसकर्मी भी नमक के गड्ढे के पास पहुंचे ताकि शव को बाहर निकालकर दूसरी ऑटोप्सी के लिए मुंबई भेजा जाए। पुलिस ने परिजनों को बताया कि शव को मुंबई में दूसरी बार जांच के लिए भेजा जा रहा है। तकरीबन आधे घंटे की मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला गया। बुधवार की शाम के साढ़े सात बजे शव को नमक के गड्ढे से बाहर निकाला गया। इस दौरान तमाम ग्रामीणों के अलावा पीड़ित परिवार भी मौजूद था। गांव के सरपंच और अन्य लोग भी एम्बुलेंस के साथ मुंबई आये थे। गुरुवार को शव की दूसरी ऑटोप्सी की जाएगी।
इसलिए नहीं जलाया बेटी का शव
इस मामले में पीड़ित पिता शुरू से यह कह रहे थे कि उनकी बेटी के साथ रेप किया गया है। जिसके बाद उसे मार दिया गया। मैंने बेटी के शव को इसलिए नहीं जलाया क्योंकि मुझे लगता था कि शव की दोबारा जांच हो सकती है। उन्होंने स्थनीय धड़गांव पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। क्योंकि इस दिशा में पुलिस ने जांच ही नहीं की। उन्होंने कहा कि मेरी बेटी कभी सुसाइड नहीं किया बल्कि रेप के बाद उसे मारकर फांसी के फंदे पर लटका दिया गया। ताकि हत्या को आत्महत्या घोषित किया जा सके। मैंने पोस्टमॉर्टेम के लिए शव को सुरक्षित रखा था। बात दें कि पीड़िता एक शादीशुदा महिला थी जो पति से अलग होने के बाद अपने पिता के साथ रहती थी।
अगवा कर किया गैंगरेप
परिवार की शिकायत के मुताबिक पीड़िता को रंजीत ठाकरे नाम का एक व्यक्ति और उसका दोस्त मोटर साइकिल पर बैठाकर गांव से 20- 30 किलोमीटर दूर ले गया था। जहां उसके साथ ठाकरे और उसके दोस्त अलावा अन्य दो लोगों महिला के साथ गैंगरेप किया। इस दौरान महिला ने मोबाइल फोन के जरिये मदद भी मांगी थी। महिला ने फ़ोन पर बताया था कि उसकी जान को खतरा है। अगर उसे कोई बचाने नहीं आया तो उसकी जान सकती है। उसने फ़ोन पर यह भी बताया था कि उसके साथ गैंगरेप किया गया है। उसे मार दिया जाएगा। जिसके बाद पीड़िता के परिवार को उसकी मौत की सूचना मिली। बताया गया कि वावी गांव में उसका शव एक आम के पेड़ से लटका हुआ है। जिसके बाद पीड़ित परिवार वहां पहुंचा। उन्होंने पाया कि सबूतों को भी मिटा दिया गया था।