Chinese Companies CPEC Destroying Balochistan: चीन की महत्वकांक्षी परियोजना सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत को बर्बाद कर रही है। इसका खुलासा खुद पाकिस्तान के ग्वादर के सांसद ने संसद में की है। उन्होंंने कहा कि चीन की कंपनियां धोखेबाज हैं और पाकिस्तानियों को नौकरी तक नहीं दे रही हैं। समुद्री जीवन तबाह हो गया है।
इस्लामाबाद: चीन और पाकिस्तान दोनों ही देशों की सरकारें चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर की तारीफ करते हुए नहीं थकते हैं लेकिन अब बलूचिस्तान के एक सांसद ने संसद में इस परियोजना की पोल खोलकर रख दी है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने में लगीं चीनी कंपनियां न केवल पाकिस्तानी लोगों का जमकर शोषण कर रही हैं, बल्कि तटीय इलाके में पाकिस्तान के पर्यावरण और समुद्री जीवन को तबाह कर रही हैं। यही नहीं ये ‘धोखेबाज’ चीनी कंपनियां पाकिस्तान के स्थानीय लोगों को नौकरी पर भी नहीं रख रही हैं।
सीपीईसी के गढ़ ग्वादर के निर्दलीय सांसद असलम भूटानी ने पाकिस्तानी संसद नैशनल असेंबली में चीनी कंपनियों की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि देश इस समय भीषण बाढ़ से जूझ रहा है और चीनी कंपनियों ने पाकिस्तानी जनता को एक फूटी कौड़ी तक नहीं दी। भूटानी ने कहा कि चीन की कंपनियां धोखेबाज है और पाकिस्तान को टैक्स भी नहीं दे रही हैं। भूटानी ने कहा कि चीन की कंपनियां बलूचिस्तान में शोषण करने वाली ताकत बन गई हैं। उन्होंने कहा कि चीन की कंपनियां बलूच इलाके में तबाही मचा रही हैं।
ग्वादर के मछुआरों की आजीविका खत्म
सांसद भूटानी ने मांग की कि पाकिस्तान सरकार चीन की कंपनियों पर लगाम लगाए। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि चीन की कंपनियां किसी के प्रति जवाबदेह नहीं हैं क्यों वे सेना के संरक्षण में काम कर रही हैं। ग्वादर के सांसद ने बताया कि चीन की कंपनियों ने कोयले का प्लांट लगाया है और समुद्री जीवन को बर्बाद कर रही हैं जिससे स्थानीय मछुआरों की आजीविका खत्म हो गई है। उन्होंने इस बात पर खेद जताया कि पर्यावरण प्राधिकरण भी चीनी कंपनियों के खिलाफ चुप्पी मारकर बैठा है।
भूटानी ने कहा, ‘सेना के संरक्षण में काम करने का यह मतलब नहीं है कि आपको आधारभूत ढांचे को बर्बाद करने की अनुमति मिल गई है।’ उन्होंने खुलासा किया कि पाकिस्तानी नौसेना भी ग्वादर के मछुआरों को बर्बाद करने में पीछे नहीं है। उन्होंने संसद के स्पीकर से अनुरोध किया कि वे इस मुद्दे को नौसेना के साथ उठाएं। पाकिस्तानी बिजली मंत्री ने इसके जवाब में कहा कि वे जल्द ही उनकी चीनी कंपनियों के साथ एक बैठक आयोजित कराएंगे।