सोलन को नगर निगम बनाना चाहिए या नहीं ,इसको लेकर काफी खींचातानी चल रही है | गाँव के प्रधान नगर निगम में गाँव के विलय का विरोध कर रहे हैं | वहीँ पहले भाजपा की तरफ से संकेत मिल रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस पर नगर निगम की घोषणा की जाएगी | लेकिन विरोध के चलते भाजपा बैकफुट पर नज़र आ रही है और आने वाले चुनावों में नुक्सान ने हो इसके लिए बीच का रास्ता अपनाना चाहती है वहीँ सोलन के विधायक धनीराम शांडिल भी भाजपा के साथ ताल से ताल मिला रहे है और वह भी चाहते है कि गाँव वासी किसी भी सूरत में नाराज़ नहीं होने चाहिए |
सोलन के विधायक धनीराम शांडिल ने कहा कि सोलन नगर निगम बनना चाहिए लेकिन ,नगर निगम में आस पास से गाँवों की कृषि भूमि को शामिल नहीं करना चाहिए | उन्होंने कहा कि अगर आस पास के गाँवों को नगर निगम में शामिल किया जाएगा तो गांववासियों के अधिकार उन से छीन जाएंगे और कई तरह की योजनाओं का लाभ वह नहीं उठा पाएंगे जो गांववासियों के साथ अन्याय होगा | उन्होंने कहा कि सोलन शहर ही नगर निगम की सभी औपचारिकताएं पूरी कर रहा है इस लिए शहर के साथ लगते गाँवों को इसमें शामिल करने की आवश्यकता नहीं है | बाईट विधायक धनीराम शांडिल
— दोनों ही दल आने वाले चुनावों को लेकर किसी भी तरह का जोखिम उठाने के लिए तैयार नहीं दिख रहे है | जिसके चलते सोलन शहर वासियो को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है | शहर का विकास सीमित रूप में हो रहा है | दोनों ही दल अपने दोनों हाथों में लड्डू रखना चाहते है लेकिन शायद वह भूल रहे है कि उन्हें विजेता सोलन शहर की जनता भी वोट डाल कर बनाती है उनके मांगो को पूरा करना भी उनका ही दायित्व है |