यूं ही कोई रतन टाटा नहीं बन जाता…रसोई से लेकर आसमान तक है इनका राज

देश के सबसे लोकप्रिय कारोबारी रतन टाटा आज 85 साल के हो गए। बेहद सादगी का जीवन जीने वाले रतन टाटा ने मजदूरों के साथ टाटा स्टील में अपने करियर की शुरूआत की। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटासंस ने कई बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। दान और परोपकार में जुटे रतन टाटा अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा लोक कल्याण के कामों में खर्च कर देते हैं।

 
ratan tata
रतन टाटा का जन्मदिन आज
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े और सबसे लोकप्रिय कारोबारी रतन टाटा (Ratan Tata) आज अपना 85वां जन्मदिन मना रहे हैं। रतन टाटा न केवल एक बिनेसमैन हैं बल्कि एक खुशमिजाज और दरियादिल इंसान हैं। बिजनेस के साथ-साथ समाजसेवा में उनके कामों की खूब चर्चाएं होती हैं। टाटा चेरिटेबल ट्रस्ट के जरिए रतन टाटा लगातार लोकसेवाओं से जुड़े हैं। देश को अपनाी पहली देशी कार देने वाले रतन टाटा आज 85 साल रके हो गए है। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि आज सोशल मीडिया पर उन्हें जन्मदिन की बदाई देने वालों का तांता लगा है। देश का हर छोटा-बड़ा कारोबारी, युवा उन्हें अपना आदर्श मानता है।

रतन टाटा की कहानी

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। नवल टाटा और सूनी टाटा के घर में जन्मे रतन टाटा की परवरिश उनकी दादी ने की। 1959 में आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की स्टडी के बाद वो कॉर्नेल यूनिवर्सिटी चले गए। साल 1962 में इंडिया लौटने के बाद उन्होंने टाटा स्टील में अपना करियर शुरू किया। आप जानकर हैरान होंगे कि टाटा स्टील की जमशेदपुर ब्रांच में उन्होंने मजदूरों के साथ काम किया। विदेश से पढ़ाई करके लौटे रतन टाटा के परिवार के लोग टाटा समूह के मालिक थे, लेकिन उन्हें मजदूरों के साथ प्लांट में चूना पत्थर को भट्टियों में ढालने का काम दिया गया। रतन टाटा भी कंपनी के कामों की बारिकियों को सीखना चाहते थे, इसलिए उन्होंने हर वो काम किया, जो उस फैक्ट्री में हो रहा था। अपने व्यवहार और काम से वो मजदूरों से लेकर अफसरों के बीच लोकप्रिय होते चले गए।

1991 में टाटा क कमान

रतन टाटा के लिए साल 1991 बेहद अहम रहा है। उन्हें टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप के अहम जिम्मेदारी दी गई । रतन टाटा की लीडरशिप में टाटा समूह ने खूब तरक्की की। आज टाटा आपकी किचन से लेकर आसमान और समंदर तक फैले हैं। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ने कई कंपनियों का अधिग्रहन किया है। उनके लीडरशिप में नौ साल में टाटा समूह ने 36 से अधिक कंपनियों का अधिग्रहण कर दिया। इस अधिग्रहण में कोरस स्टील से लेकर जगुआर और लैंड रोवर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल है। रतन टाटा की चाहत रही कि भारत के मध्यम वर्ग के लोगों के पास अपनी कार हो, इसलिए उन्होंने लखटकिया कार नैनो लॉन्च किया। हालांकि उनकी कोशिश कामियाब नहीं हो सकी।

कितनी है संपत्ति

बेहद सादगी का जीवन जीने वाले रतन टाटा के पास करोड़ों की संपत्ति है। आईआईएफएल हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक रतन टाटा की कुल संपत्ति करीब 3500 करोड़ रुपये के करीब है। रतन टाटा अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा दान करते हैं। परोपकारी कामों में उनकी खास रूचि है,जिसे लेकर वो अक्सर चर्चा में रहते हैं।