स्वीडिश वैज्ञानिक स्वैंते पैबो को उनके साथियों ने उन्हें एक तालाब में फेंक दिया.
Viral Video: इन दिनों दुनिया भर में हर तरफ नोबेल पुरस्कार की चर्चा है. इस साल के विजातों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. चिकित्सा के क्षेत्र में इस साल का नोबेल पुरस्कार ‘मानव के क्रमिक विकास’ पर खोज के लिए स्वीडिश वैज्ञानिक स्वैंते पैबो को देने की घोषणा की गई है. पुरस्कारों के ऐलान के साथ ही पैबो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में उनके साथियों ने उन्हें एक तालाब में फेंक दिया.
ये वीडियो खुद नोबेल प्राइज के ट्विटर हैंडल से शेयर किया गया है. वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है कि उनके साथियों ने पारंपरिक अंदाज़ में जश्न मनाया. दरअसल मैक्स प्लैंक संस्थान में ये परंपरा है कि जो लोग पीएचडी की डिग्री लेते हैं उन्हें तालाब में फेंक कर जश्न मनाया जाता है. लेकिन पैबो के नोबल पुरस्कार जीतने के बाद भी इसी तरीके से जश्न मनाया गया.
जश्न हो तो ऐसा…
इस वीडियो क्लिप में पाबो को उनके तीन सहयोगियों द्वारा एक तालाब में फेंकते हुए दिखाया गया है. चारों तरफ जश्न में तालियां बज रही है. मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ने भी समारोह की कई तस्वीरें शेयर की है. साथ में लिखा है, ‘अपने सहकर्मियों द्वारा पकड़े जाने और अपने संस्थान के तालाब में फेंकने से जश्न मनाने का बेहतर तरीका क्या हो सकता है.’
स्वैंते पैबो को क्यों मिला नोबेल?
पुरस्कार समिति ने कहा कि उनकी इस खोज ने ‘हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली पर और हमें मानव की विलुप्त प्रजातियों की तुलना में अनूठा बनाने वाले कारकों पर महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि उपलब्ध कराई है.’नोबेल कमेटी के सचिव थॉमस पर्लमैन ने स्टाकहोम, स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट में सोमवार को इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा की. 67 साल के पैबो ने आधुनिक मानव की उससे काफी मिलती-जुलती विलुप्त प्रजातियों निएंडरथल एवं डेनिसोवंस के ‘जीनोम’ की तुलना करने के लिए नयी तकनीक विकसित करने में अनुसंधानकर्ताओं का नेतृत्व किया.