नोएडा. गौशाला (Cow Shelter) की सैकड़ों गाय (Cow) अब चारे के लिए परेशान नहीं होंगी. उनकी देखभाल भी और अच्छे से होगी. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने एक प्लान बनाया है. नोएडा की दो गौशालाओं में बंद गायों का दूध (Cow Milk) अब खुले बाजार में बेचा जाएगा. इसके लिए मदर डेयरी (Mother Dairy) और पराग डेयरी के साथ बातचीत चल रही है.
इतना ही नहीं मंदिरों से निकलने वाले कूड़े का भी इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिरों से निकलने वाले फूल और दूसरी सामग्री को इकट्ठा कर अगरबत्ती और खाद बनाई जाएगी. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) ने मंदिरों की लिस्ट तैयार कर ली है.
नोएडा सेक्टर-135 और 14ए में हैं दो गौशालाएं
हाल ही में यूपी सरकार के एक मंत्री ने नोएडा की गौशाला का निरीक्षण किया था. गौशाला की अव्यवस्थाओं को लेकर उन्होंने नाराजगी जताई थी. माना जा रहा है कि इसके बाद ही नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने यह प्लान बनाया है. प्लान के मुताबिक दोनों गौशालाओं में बंद गायों का दूध एक जगह इकट्ठा किया जाएगा. उसके बाद दूध को खुले बाजार में जनता को बेचा जाएगा. दूध बेचने को लेकर अथॉरिटी दो तरह के प्लान पर काम कर रही है.
पहला यह कि अथॉरिटी खुद ही बाजार में दूध को बेचने का काम करेगी. दूसरे प्लान के तहत अथॉरिटी मदर डेयरी और पराग डेयरी से बात कर रही है. प्लान के मुताबिक डेयरी गौशालाओं से सीधे दूध अपने प्लांट पर ले जाएगी. उसके बाद दूध को बाजार में बेच देगी. हालांकि इसमे गौशालाओं को मुनाफा कम होगा. जबकि खुले बाजार में सीधे दूध बेचने पर गौशालाओं को ज्यादा मुनाफा होगा. शहर में जगह-जगह केन्द्र बनाकर दूध की सप्लाई दी जाएगी.
मंदिर के फूलों से बनाई जाएंगी अगरबत्ती
मंदिर से निकलने वाले फूलों और दूसरी सामग्री का निस्तारण कैसे और कहां किया जाए यह हमेशा से एक बड़ी समस्या बनी हुई है. क्योंकि सामान्य कूड़े वाली गाड़ी में भी मंदिर से निकले फूलों को नहीं डाला जा सकता है. इसी के चलते नोएडा अथॉरिटी ने एक प्लान तैयार किया है. प्लान के तहत नोएडा के मंदिरों से निकलने वाले फूल और दूसरी सामग्री लेने के लिए अलग से गाड़ियां लगाई जाएंगी. यह गाड़ियां सिर्फ नोएडा के 33 मंदिरों से फूल और दूसरी सामग्री का कूड़ा उठाएंगी. मंदिरों की लिस्ट नोएडा अथॉरिटी ने तैयार कर ली है.
पहले यह समस्या रहती थी कि मंदिरों से निकलने वाले कूड़े को कहां पर रखा जाए. लेकिन अब इस परेशानी का हल भी निकाल लिया गया है. मंदिरों से निकलने वाले कूड़े को सेक्टर-34 में नारी निकेतन के पास जमा किया जाएगा. यहीं पर कूड़े की प्रोससिंग की जाएगी. जो कूड़ा अगरबत्ती बनाने लायक होगा तो उससे अगरबत्ती बनाई जाएगी. वहीं जो कूड़ा अगरबत्ती बनाने लायक नहीं होगा उससे खाद बनाई जाएगी.