Noida Crime: नोएडा से 5 करोड़ के फोन चोरी कर बिहार में बन गया ‘साधु’, जानिए पुलिस को करने पड़े क्‍या-क्‍या जतन?

आरोपी घटना के वक्त दिल्ली में रहता था। जमानत पर आने के बाद उसने वहां से अपना ठिकाना बदल लिया। इसके चलते उसकी तलाश करना काफी मुश्किल था। वह अपने मूल निवास दरभंगा (बिहार) में रह रहा है। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची तो यूपी पुलिस को वर्दी होने के चलते लोगों ने उसका पता नहीं बताया। पुलिस उसकी तलाश करती रही।

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सांकेतिक तस्‍वीर

विवेक कुमार, दनकौर (ग्रेटर नोएडा): अमीर बनने की चाहत में करीब 4 साल पहले ग्रेटर नोएडा की एक कंपनी से शातिर ने 5 करोड़ रुपये के मोबाइल चुरा लिए थे। पुलिस उसे लगातार तलाश कर रही थी और वह बिहार में साधु के भेष में रहा था। उस पर गैंगस्टर लगाया गया और 25 हजार रुपये का इनाम भी रखा गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस को भी उस तक पहुंचने के लिए साधु का भेष धारण करना पड़ा। तब जाकर उसका सुराग लगा और बिहार के एक यूनिवर्सिटी के मंदिर से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया।
पुलिस ने बताया कि थाना इकोटेक-प्रथम क्षेत्र में स्थित एक मोबाइल कंपनी से करीब 4 वर्ष पहले 5 करोड़ रुपये कीमत के 6800 मोबाइल फोन चोरी हो गए थे। इस मामले में कंपनी के अधिकारियों ने बिहार के दरभंगा निवासी अमितेश समेत 31 कर्मचारियों के खिलाफ चोरी का केस दर्ज कराया था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी कंपनी में जॉब करता था। घटना के बाद पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इनके कब्जे से 1415 मोबाइल पुलिस बरामद कर चुकी है।

जमानत के बाद दोबारा कोर्ट में नहीं हुआ पेश
इस मामले की जांच दनकौर पुलिस को सौंपी गई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपी जेल से जमानत पर आने के बाद दोबारा कोर्ट में पेश नहीं हुआ था। कई बार कोर्ट ने आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दनकौर पुलिस को दिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी घटना के वक्त दिल्ली में रहता था। जमानत पर आने के बाद उसने वहां से अपना ठिकाना बदल लिया। इसके चलते उसकी तलाश करना काफी मुश्किल था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की। साथ ही, अधिकारियों ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया था।

पुलिस को भी बदलना पड़ा भेष
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी अपने मूल निवास दरभंगा (बिहार) में रह रहा है। इसके बाद पुलिस वहां पहुंची तो यूपी पुलिस को वर्दी होने के चलते लोगों ने उसका पता नहीं बताया। पुलिस उसकी तलाश करती रही। इसके बाद एक पुलिसकर्मी ने साधु का भेष धारण किया और लोगों से आरोपी अमितेश के बारे में पूछताछ की तो पता चला कि वह कई वर्षों से कादिराबाद थाना क्षेत्र स्थित एक यूनिवर्सिटी के मंदिर में साधु बनकर रहता है। इसके बाद पुलिसकर्मी भी साधु के भेष में आरोपी के पास पहुंचा। उसकी पहचान कन्फर्म करने के बाद सूचना अन्य पुलिसकर्मियों को दे दी। पुलिस टीम ने आरोपी को मौके से धर दबोचकर स्थानीय कोतवाली में ले गई। इसके बाद पुलिस आरोपी को दनकौर कोतवाली लेकर आई।