नोरा फतेही ने सुकेश चंद्रशेखर से तोड़ दिया था संपर्क, लेकिन जैकलीन फर्नांडीज महाठग से लगातार तोहफे लेती रहीं

नोरा फतेही और जैकलीन के मैनेज से ठग सुकेश मामले में हुई पूछताछ. (फोटो साभारः Instagram @norafatehi/jacquelinef143)

नोरा फतेही और जैकलीन के मैनेज से ठग सुकेश मामले में हुई पूछताछ.

बॉलीवुड अभिनेत्री नोरा फतेही (Nora Fatehi) और जैकलीन फर्नांडीज ठग सुकेश चंद्रशेखर के साथ संपर्क में आने के बाद से विवादों में घिरी हुईं हैं. गुरुवार को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सुकेश और उसके 200 करोड़ रुपये के जबरन वसूली से जुड़े मामले में नोरा से पूछताछ की. नोरा ने अपराध शाखा के सामने अपने बयान दर्ज करवाए. एक महीने के भीतर यह दूसरी बार है जब नोरा से पूछताछ की गई है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी (क्राइम) रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि नोरा फतेही, महबूब और पिंका ईरानी को एक साथ बैठाकर पूछताछ की गई.

रविंद्र सिंह यादव ने कहा, “तीनों की स्टेटमेंट के बाद हम संतुष्ट हैं, जो 65 लाख की कार गिफ्ट की गई थी महबूब को… वह महबूब ने आगे बेच दी, यह जानकारी परावर्तन निदेशालय(ईडी) के संज्ञान में भी है.” नोरा ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने सुकेश से एक बार गिफ्ट लिया था और उन्हें जब लगा कि यह बहुत ज्यादा हो रहा है, तो उन्होंने ठग सुकेश से संपर्क तोड़ दिया.

नोरा फतेही ने अपने बयान में कहा, “मैंने संपर्क इसलिए तोड़ा क्योंकि वह जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश कर रहा था.” पुलिस ने कहा कि नोरा यह नहीं कह रही कि उन्हें पता चल गया था कि कुछ गड़बड़ है. बाकी जांच में सामने आएगा. हमने भी पूछा कि कार क्यों वापस नहीं की तो नोरा ने बताया कि उन्होंने मांगी नहीं और हमने दी नहीं. रिश्तेदार इस्तेमाल कर रहे थे.

रविंद्र सिंह यादव ने कहा, “नोरा और जैकलीन के मामले अलग-अलग हैं, नोरा को गड़बड़ी लगी तो सुकेश से संपर्क तोड़ दिया लेकिन जैकलीन लगातार तोहफे लेती रहीं.”

जैकलीन फर्नांडीज के मैनेजर से बाइक रिकवर

जांच में जैकलीन फर्नांडीज के मैनेजर प्रशांत ने बताया कि उन्हें बिना मांगे यह बाइक दी गई थी, सुकेश का मकसद यह था कि वह जैकलिन से दोस्ती करवाए.  प्रशांत ने बताया कि मैंने आगे कदम नहीं बढ़ाया और मैंने इस बाइक को कभी इस्तेमाल नहीं किया. मेरे जरिए वह जैकलिन के पास पहुंचना चाहता था. पुलिस ने कहा कि हमने यह बाइक मांगी थी और हमने रिकवर कर ली है.

सच को सामने लाना

रविंद्र सिंह यादव ने कहा, “एक अधिकारी का मकसद होता है कि सत्य सामने आए और अब तक की जांच अच्छी चल रही है. हमारी इस जांच के आधार पर कोर्ट से भी हमारी जांच को ध्यान में रखते हुए बड़े-बड़े गुनाहों की सजा मिलनी चाहिए.”

जरूरत पड़ने पर और होगी पूछताछ

रविंद्र सिंह यादव ने कहा, “एक मकसद यह भी है कि जेल के अंदर रहकर आप इतने लोगों को ठग रहे हैं, तो एक मकसद यह है कि एक अच्छा केस हम कोर्ट के सामने रखें, जिससे आगे भविष्य में कोई लोगों को इतने बड़े पैमाने पर ना ठग सके. अभी जो छानबीन चल रही है, हम उसका विश्लेषण करेंगे और जिसकी जब आवश्यकता होगी हम उसे पूछताछ के लिए बुलाएंगे.”