शिमला : प्रदेश के स्कूलों से होनहार खिलाड़ी कैसे निकलेंगे, जब 375 से अधिक सीनियर सेकंडरी स्कूलों में डीपीई के पद ही स्वीकृत नहीं हैं और करीब 90 स्कूलों में यह पद रिक्त चले हुए हैं। इतने बड़े पैमाने पर खाली पदों के कारण शारीरिक अध्यापकों के पदोन्नति के मार्ग भी बंद हो गए हैं। साथ ही स्कूलों में शारीरिक विषय पढऩे वालों बच्चों को भी इससे वंचित रहना पड़ रहा है। सरकार ने इन पदों को भरने के लिए मौन धारण कर रखा है। कोरोना काल के दो साल बाद भी स्कूलों में खेलकूद प्रतियोगिताएं हो रही हैं, जो मात्र औपचारिकता बनकर रह गई हैं। प्रदेशभर के शारीरिक शिक्षकों ने आरोप लगाया कि पांच साल से स्कूलों में एक भी पद डीपीई का स्वीकृत नहीं हुआ है, जिस कारण शारीरिक शिक्षकों में सरकार व विभाग के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा 180 के करीब शारीरिक शिक्षक पिछले दो वर्षों से अपनी पदोन्नति की राह देख रहे हैं, लेकिन पद स्वीकृत न होने की वजह से उन्हें पदोन्नति नहीं मिल पा रही है। शारीरिक शिक्षकों ने सरकार व विभाग से मांग की है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए सभी स्कूलों में डीपीई के पद स्वीकृत कर जल्द से जल्द भरे जाएं।