सरकारी नौकरी के लिए नहीं, अनुभव के लिए दी परीक्षा और टॉपर बने राम बालाजी

इंजीनियरिंग में ग्रैजुएशन के बाद, छात्र ग्रैजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (Graduate Aptitude Test in Engineering, GATE) की परीक्षा देते हैं. परीक्षा पास करने के बाद पब्लिक सेक्टर कंपनियों में नौकरी मिलती. छात्र मास्टर्स के लिए भी IIT जैसे अच्छे कॉलेज में दाखिला ले सकते हैं. लेकिन सभी परिक्षार्थियों को सरकारी नौकरी या IIT सीट का मोह नहीं होता. और ऐसे ही एक परिक्षार्थी और GATE 2022 के टॉपर हैं राम बालाजी (Ram Balaji)

सरकारी नौकरी नहीं चाहिए

राम बालाजी एस, चेन्नई के रहने वाले हैं. उन्हें न तो IIT की सीट चाहिए और न ही पीएसयू (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग) नौकरी. राम ने सबसे पहले 2021 में कॉलेज की पढ़ाई के साथ ही गेट परीक्षा दी. कम तैयारी के साथ भी उन्होंने ऑल इंडिया 139 रैंक हासिल कर लिया. अपनी रैंक से उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने एक बार फिर परीक्षा देने का निर्णय लिया.

गेट 2022 में AIR 1

राम बालाजी ने जब अच्छी तैयारी के साथ, और ख़ुद पर पूरे आत्मविश्वास के साथ दोबारा परीक्षा दी तो उन्हें ऑल इंडिया रैंक 1 मिला. राम को 100 में 78 अंक मिले. से बात-चीत में, राम बालाजी ने कहा, ‘मुझे पूरा सिलेबस पढ़े बिना ही पहला रैंक मिला. मैं डिग्री के साथ ही ये परीक्षा दी. इससे मुझे लगा कि मैं पूरी तैयारी के साथ और अच्छा रैंक ला सकता हूं.’

इंडस्ट्री एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं

टॉपर बनने के बावजूद बालाजी अभी सरकारी नौकरी या मास्टर्स नहीं करना चाहते हैं. उन्हें कैंपस के ज़रिए ही टेक्सस इंस्ट्रुमेंट में नौकरी मिली है और वो फ़िल्हाल नौकरी करना चाहते हैं. राम बालाजी ने बताया कि वो पहले इंडस्ट्री एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं. राम को 25 लाख पैकेज की नौकरी मिली है और उन्होंने बताया कि ये उनकी ज़िन्दगी के सबसे ख़ूबसूरत पलों में से एक था. हाथ में नौकरी होने के बावजूद, JEE के दिनों को दोबारा जीने के लिए उन्होंने ये परीक्षा दी.

4 महीने की तैयारी में IIT निकाला

राम बालाजी उन कुछ छात्रों में से हैं जो प्रतिभावान होते हैं लेकिन अवसर उनके हाथ देर-सवेर ही लगते हैं. वे ग्रामीण इलाके से आते हैं और उन्हें IIT या NIT के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं थी. राम को IIT परीक्षा के बारे में तब पता चला जब परीक्षा सिर्फ़ 4 महीने दूर थी. उन्होंने 4 महीने कमरतोड़ मेहनत की और परीक्षा पास की. राम को उनके स्कूल के टीचर्स से मदद मिली. राम ने न सिर्फ़ परीक्षा पास की बल्कि उन्हें देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेज में सीट मिली.

गेट परीक्षार्थियों के लिए राम ने कहा कि ये मेमरी टेस्ट नहीं है, बहुत से लोग याद करके फ़ॉर्मूला लगाते हैं. ये एबिलिटी टू थिंक ऐंड एप्लाइ परीक्षा है. उन्होंने छात्रों को कन्सेप्ट समझने की हिदायत दी.