Not sympathetic factor, inside ambush and wrong policy defeated BJP: Gopal Das

सहानुभूति फैक्टर ने नहीं , भीतर घात और गलत नीति ने भाजपा को हराया : गोपाल दास

अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष  गोपाल दास वर्मा ने  सोलन में भाजपा की हार का जिम्मेदार भाजपा  में हुए उच्च स्तरीय भीतर घात को जिम्मेवार बताया।  उन्होंने कहा कि  जयराम  सरकार हार से बचने के कई बहाने ढूंढ रहे  है। जिसमें महंगाई और सहानुभूति को मुख्य वजह बताया जा रहा है।  जो सरासर गलत है।  उन्होंने कहा कि इन चुनावों में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ही भाजपा को हराया है , और जो कसर रह गई थी वह कर्मचारियों ने पूरी कर दी।  उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने कर्मचारियों की पूरी तरह से अनदेखी की।  उन्हें किसी भी तरह का लाभ नहीं दिया। जिसका खामियाजा वह आज भुगत रहे है।  उन्होंने कहा कि अगर वह पूर्व कर्मचारी नेताओं  को अपने आत्मविश्वास में लेते और उनकी सलाह पर चलते तो चुनाव के नतीजे बिलकुल उलट होते।  उन्होंने कहा कि अगर अभी भी भाजपा सरकार अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करती है तो वह विजय हासिल कर सकती है।  उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने कर्मचारी नेता अपने गृह क्षेत्र से बनाया। लेकिन उसके बावजूद भी जीत हासिल नहीं कर सके।  इसलिए उन्हें  कर्मचारियों पर अच्छे पकड़ वाले नेता पर विश्वास करना चाहिए था। 
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष  ,गोपाल दास वर्मा ने  कहा कि , भाजपा पर इन चुनावों में भीतर घात हावी रहा है।  वहीं उन्होंने कहा कि महंगाई और अन्य राज्यों में भी थी लेकिन वहां भाजपा की जीत हुई है।  जो दर्शाता है कि भाजपा की चुनावी रणनीति बेहद गलत रही।  जिसका लाभ कांग्रेस को मिला।  उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस को स्वर्गीय वीर भद्र सिंह के नाम पर सहानुभूति वोट मिले है।  यह बहाना उनका बेहद गलत है।  क्योंकि मंडी में स्वर्गीय राम स्वरूप की , और जुब्बल में स्वर्गीय  नरेंद्र बरागटा की भी मौत हुई थी तो उन्हें सहानुभूति क्यों नहीं मिली।  उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार के जो कर्मचारी विरोधी फैसले थे  वो नहीं बदले। कांग्रेस पर प्रेम कुमार धूमल और सतपाल सत्ती ने चार्ज शीट बनाई थी।  उस पर कोई एक्शन नहीं हुआ।  कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए कोई फैसले नहीं लिए गए। यही वजह है कि भाजपा की करारी हार हुई है।  उन्होंने कहा कि अभी भी जयराम सरकार के पास वक्त है वह अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करें।  अन्यथा प्रदेश में भाजपा एक बार फिर हाशिए पर नज़र आएगी।