जिन चार लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें मंडी जिले के दो, जबकि हमीरपुर और कांगड़ा जिले का एक-एक असिस्टेंट कमिश्नर शामिल हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार इन चार असिस्टेंट कमिश्नरों को भी निलंबित कर सकती है।
जिन चार लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें मंडी जिले के दो, जबकि हमीरपुर और कांगड़ा जिले का एक-एक असिस्टेंट कमिश्नर शामिल हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार इन चार असिस्टेंट कमिश्नरों को भी निलंबित कर सकती है। इससे पूर्व प्रदेश सरकार ने हमीरपुर के एक्साइज इंस्पेक्टर राजेश कुमार और कांगड़ा के दो एक्साइज इंस्पेक्टरों राम कुमार और राजीव को अपनी ड्यूटी का सही तरीके से निर्वहन न करने पर सस्पेंड कर उनकी शिमला मुख्यालय में तैनाती की है। अब असिस्टेंट कमिश्नर पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
मंडी में जहरीली शराब के सेवन से हुई थी सात मौतें
जनवरी माह में मंडी जिले में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। गठन के तुरंत बाद एसआईटी ने हमीरपुर जिला के पन्याला में दबिश देकर अवैध शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। एसआईटी ने यहां 515 से अधिक शराब की पेटियां बरामद कर एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही एसआईटी ने हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा और सोलन जिले में भी बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद कर इस मामले में संलिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया।
एक्साइज विभाग पर कार्रवाई तो पुलिस पर क्यों नहीं
एक्साइज विभाग के खिलाफ कार्रवाई पर लोगों ने सरकार की प्रशंसा की है। इसके साथ ही पुलिस समेत खुफिया एजेंसियों की जिम्मेवारी भी सुनिश्चित करने की मांग की है। जानकारों का कहना है कि जहरीली शराब मामले में सरकार का इंटेलिजेंस सिस्टम भी फेल हुआ है। हमीरपुर जिला मुख्यालय में शराब की फैक्ट्री चलती रही, लेकिन पुलिस, आईबी, विजिलेंस और सीआईडी समेत अन्य खुफिया एजेंसियों को इस फैक्ट्री की भनक तक नहीं लग पाई, जोकि सिक्योरिटी लैप्स की ओर इंगित करता है।